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चुनावी चर्चा: हिंसा की आशंका के बीच हाई अलर्ट जारी, नेताओं को जुबान पर लगाम लगाने की जरूरत

रिजल्ट के मद्देनजर हिंसा नहीं हो इसको लेकर गृह मंत्रालय ने हाई अलर्ट जारी किया है. उसके बाद माहौल भी बदला हुआ सा है.

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Published : May 22, 2019, 11:08 PM IST

पटना: लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे गुरुवार को आने वाले हैं. बिहार के 38 जिलों में 40 लोकसभा सीट के लिए हुए मतदान की काउंटिंग होगी. नतीजों के बाद तय हो जाएगा कि किसकी सरकार बनेगी. ऐसे में ईवीएम पर सियासी दलों की विश्वसनियता को लेकर गृह मंत्रालय ने देशभर में हाई अलर्ट जारी किया है.

लोकतंत्र को बदनाम करने की साजिश
हमारे गेस्ट पैनल में खास चर्चा कर रहे वरिष्ठ सहयोगी प्रवीण बागी ने कहा कि इसे विपक्ष की ओर से लोकतंत्र को बदनाम करने की साजिश कही जा सकती है. क्योंकि यह अभियान उन्होंने तब शुरू किया जब एग्जिट पोल सामने आए. इसके बाद ईवीएम पर सवाल खड़े किये जाने लगे. प्रवीण बागी ने कहा कि इसके पहले चंद्रबाबू नायडू गठबंधन को मजबूत करने के लिए घूम रहे थे लेकिन जैसे ही एग्जिट पोल आया. विपक्ष ने ईवीएम और वीवीपैट का राग अलापना शुरू कर दिया. यह जनादेश और लोकतंत्र का अपमान है.

अमित वर्मा, संवाददाता

प्रवीण बागी ने कहा कि जब विपक्ष जीतता है तो ईवीएम ठीक होता है लेकिन जब हारते हैं तो ईवीएम में गड़बड़ी नजर आती है. विपक्ष ने अब तक कोई ठोस आधार पेश नहीं किया है. पिछले साल चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों को आमंत्रित किया था कि आइए और ईवीएम हैक करके दिखाईए, लेकिन कोई वहां पहुंचा ही नहीं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में हथियार
वहीं, वरिष्ठ संवाददाता अविनाश ने कहा कि राजद विधायक रामचंद्र यादव पहले भी गोली चला चुके हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में हथियार लहराते हैं और गांधी के सिद्धांतों पर चलने की बात करते हैं. उपेंद्र कुशवाहा के बयान के बाद वह कहते हैं कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए हम गोली भी चला सकते हैं. लेकिन गृह मंत्रालय ने जो हाई अलर्ट जारी किया है. उसके बाद माहौल भी बदला हुआ सा है.

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