पटना: बिहार सरकार ने 2015 में 'हर घर नल से जल' योजना (Har Ghar Nal Jal Yogna) की शुरुआत की थी. जिसकी बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी तारीफ की थी और देश भर में इसे लागू करने की बात कही थी. इस बार के आम बजट में केंद्र सरकार ने अपनी 'नल से जल योजना' के लिए 60 हजार करोड़ रुपये आवंटित भी किए हैं. लेकिन इसी योजना को लेकर गुरुवार को लोकसभा में बिहार से आने वाले बीजेपी और जेडीयू के दो सांसद आपस में उलझ गए.
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सारण से बीजेपी के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि केंद्र सरकार ने पिछले साल बिहार सरकार को इस योजना के तहत 6 हजार 600 करोड़ रुपये आवंटित किए, लेकिन बिहार सरकार ने उसमें से एक भी रुपये का इस्तेमाल नहीं किया. जबकि बिहार नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को सबसे पिछड़ा राज्य बताया गया है, ऐसे में केंद्र की ओर से आवंटित राशि का इस्तेमाल नहीं किया जाना हैरान करता है.
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इस पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राजीव प्रताप रूडी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 2015 से लागू 'हर घर नल से जल' योजना का सारा खर्च बिहार सरकार खुद से वहन कर रही है.
दोनों सांसदों की बातों के जवाब देते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ये सही है कि बिहार सरकार की 'हर घर नल से जल' योजना के बाद केंद्र सरकार ने ऐसी योजना की शुरुआत की है, लेकिन तब केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत बिहार सरकार के पैसे आवंटिक किए थे और पिछले दो साल में हमने बिहार राज्य को दो हजार करोड़ रुपये दिए हैं.