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कोरोना की दूसरी लहर से अटका दीघा रेल ब्रिज का दोहरीकरण, जून में पूरा करने का लक्ष्य अधूरा - दीघा ब्रिज न्यूज

दीघा रेल ब्रिज दोहरीकरण का काम इस माह के अंत तक पूरा नहीं होगा. कोरोना की दूसरी लहर में मजदूरों की कमी और ऑक्सीजन की कमी के कारण काम अधर में लटक गया.

digha bridge
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Published : Jun 26, 2021, 10:44 PM IST

पटना:पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) के पांच मंडलों में कईरेल योजनाओंको धरातल पर उतारने के लिए काफी तीव्र गति से काम किया जा रहा था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने कई रेल परियोजनाओं (Rail Projects) पर ग्रहण लगा दिया है.

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लाइन दोहरीकरण का काम
बता दें कि दानापुर डिवीजन (Danapur Division) के पाटलिपुत्र से पहलेजा दीघा रेल ब्रिज तक लाइन दोहरीकरण का काम काफी तेजी से किया जा रहा था. लेकिन कोरोना महामारी में लोगों को ऑक्सीजन की इतनी आवश्यकता पड़ी कि लोगों की जिंदगी बचाने के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई किया जा रहा था. जिस कारण से रेल की परियोजनाओं में वेल्डिंग के उपयोग के लिए ऑक्सीजन की कमी हो गई. इसलिए काम में कमी आ गई.

अधिकारी कर रहे मॉनिटरिंग
पूर्व मध्य रेल में निर्माण परियोजनाओं के समय पर पूरा करने के लिए अधिकारी के द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. मुजफ्फरपुर-वाल्मीकि नगर दोहरीकरण, पाटलिपुत्र पहलेजा-पटना गंगा ब्रिज दोहरीकरण परियोजना, मीठापुर-आरोबी और कटारिया-कुर्सेला रेल पुल की प्रगति ऐसी कई परियोजना पूर्व मध्य रेल में चल रही हैं.

देखें रिपोर्ट

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परियोजना पर ऑक्सीजन की कमी की मार
जिसको धरातल पर उतारने के लिए लगातार अधिकारी के द्वारा प्रयास किया जा रहा है. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में मजदूरों की कमी और ऑक्सीजन की कमी के कारण काम में विलंब हुआ है. ऐसे में जो परियोजनाओं का लक्ष्य रखा गया था उसमें कहीं ना कहीं और देर जरूर होगी.

निर्माण परियोजनाओं की निगरानी
पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने यह माना कि कोरोना महामारी में जो परियोजना चल रही है, उसमें देरी होगी. अधिकारी के द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि उसको समय अवधि पर ही पूरा कर लिया जाएग. इसके लिए पूर्व मध्य रेल के प्रशासन द्वारा ड्रोन कैमरा से भी निर्माण परियोजनाओं की निगरानी की व्यवस्था की जा रही है.

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यात्रियों को हागी सहूलियत
पाटलिपुत्र से पहलेजा तक 10 किलोमीटर रेल ट्रैक दोहरीकरण पर विशेष ध्यान देते हुए इस माह के अंत तक पूरा किया जाना था. उसके बाद ट्रायल किया जाता. लेकिन अब ये काम अगस्त महीने में पूरा होगा और इस साल के अंत तक ट्रैक का ट्रायल किया जाएगा. ट्रायल के बाद इस रेल खंडों पर अप-डाउन की 2 गाड़ियां गुजर सकेंगी. ऐसा होने पर उत्तर बिहार के यात्रियों को काफी सहूलियत होगी. क्योंकि तब ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी.

मीठापुर रेल ओवर ब्रिज का काम भी गर्डर के डिजाइन के कारण रुका हुआ था. लेकिन अब गर्डर का डिजाइन का काम पूरा हो गया है. ऐसे में मीठापुर रेल ओवर ब्रिज के काम में भी गति आएगी. मीठापुर रेल ओवर ब्रिज बन जाने से पटना वासी को काफी सहूलियत होगी. बता दें कि कि बस स्टैंड बाइपास की तरफ से पटना जंक्शन, हनुमान मंदिर, सचिवालय की तरफ आने वाले लोगों को काफी सहूलियत होगी.

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कई योजनाओं को किया गया पूरा
पूर्व मध्य रेलवे विद्युतीकरण और इंटरलॉकिंग की भी कई योजनाएं चल रही हैं. कई योजनाओं को पूरा भी किया गया है. मुजफ्फरपुर बछवारा यार्ड रीमॉडलिंग का कार्य पूरा किया जा चुका है. बता दें कि 2001-2022 में नई लाइन (35), अमान परिवर्तन (83 किमी) और दोहरीकरण (208 किमी) परियोजनाओं से जुड़े कुल 326 किलोमीटर का कार्य पूरा करने का भी लक्ष्य रखा गया है.

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