पटना:सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) फिलहाल देश के सियासत के केंद्र बिंदु हैं. नीतीश कुमार का अंदाज बदला-बदला है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होने के बाद से नीतीश पीएम मोदी से दो-दो हाथ करने के मूड में हैं. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश और पीएम मोदी आमने-सामने हैं. वहीं मणिपुर में जदयू को बड़ा झटका (Five JDU MLA joining BJP in Manipur) लगा है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलगाव के बाद छह में से पांच विधायकों ने जदयू छोड़ दिया है. इसके पहले अरुणाचल प्रदेश में भी जदयू विधायक ने भाजपा का दामन थामा था.
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अरुणाचल प्रदेश में जदयू को मिला था झटका: 1 सप्ताह पहले जदयू के एकमात्र विधायक तेकी जी अरुणाचल प्रदेश से जनता दल यूनाइटेड के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ भाजपा में शामिल हुए. तेकी जी के आने के बाद 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या बढ़कर 49 हो गई है. ज्ञात हो कि दिसंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे.
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने से दूर हुई जदयू :मणिपुर में टूट की घटना से जदयू को दो मोर्चों पर करारा झटका लगा है. एक ओर जहां जदयू राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने में एक कदम पीछे हो गई है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री पद को लेकर नीतीश कुमार की उम्मीदवारी पर सवाल खड़े हो गए हैं. जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा (JDU Aims to Become National Party) हासिल करने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही थी और पार्टी 3 राज्यों में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के करीब पहुंच चुकी थी. एक राज्य में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के बाद जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता.
भाजपा के चक्रव्यूह में जदयू उलझी: दूसरी तरफ प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नीतीश कुमार का नाम जोर शोर से उठाया जा रहा था. महागठबंधन नेता नीतीश कुमार के पक्ष में खड़े दिख रहे थे. अब नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. भाजपा नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार जब दल को नहीं संभाल सकते हैं तो देश को कैसे संभालेंगे.
बोले सीएम नीतीश- 'भाजपा ने हमारे विधायकों को तोड़ा': बिहार के मुख्यमंत्री मणिपुर के घटना से हताश और निराश हैं. नीतीश कुमार ने कहा है कि कौन सी परंपरा की शुरुआत की जा रही है जो लोग हमारी टिकट पर चुनाव जीत के आए थे उन्हें तोड़कर भाजपा के लोग अपने साथ मिला रहे हैं. 2024 में जनता जवाब देगी. नीतीश कुमार ने कहा कि विधायकों ने राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में आने को लेकर सहमति दी थी लेकिन उससे पहले ही भाजपा के लोगों ने हमारे विधायकों को तोड़ दिया.
"मणिपुर का जब रिजल्ट आया था, छह विधायक हमारे जीते थे. तब सभी लोग यहां मिलने आए थे. अब जब एनडीए से अलग होने के बाद तय हो गया था कि अपनी पार्टी के लोग से मिलने के लिए हम सब जगह जाएंगे तो ऐसा किया गया. ये हो क्या रहा है. जरा सोच लीजिए. किस तरह दूसरी पार्टी के जीतने वाले लोग को अपनी तरफ ले रहे हैं. एक नए ढंग का काम किया जा रहा है. वो सभी एमएलए तो कुछ दिन पहले कहा था कि आ रहे हैं यहां मिलने, लेकिन उससे पहले ही सब को पकड़कर अपनी तरफ कर लिया. जो पार्टी का अन्य राज्यों में लोग जीतते हैं, उसको अपनी तरफ कब्जा करना. यही सोचते हैं. यही उनका काम है"-नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार