पटना:बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 के तहत बीएमपी को एक्स्ट्रा ताकत दी गई है. जनता की सुरक्षा हेतु बीएमपी को सशस्त्र बनाया गया है. ताकि, वह अविलंब बिना वारंट के किसी भी अपराधी को गिरफ्तार कर सकती है. कई बार बिना वारंट या जांच के कार्य रुका रहता था. बीएसपी को सुदृढ़ करने के लिए सशस्त्र बनाया गया है.
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बीएमपी को बनाया गया सशस्त्र
अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार ने बीएमपी को कई नए दायित्व दिए हैं. ये बिहार डीजीपी के अधीन रहेगा. इस तरह के सशस्त्र बल के साथ-साथ जनता को सुरक्षा देने के लिए उन्हें और सशस्त्र बनाया गया है.
''राज्य सरकार द्वारा केवल ऐतिहासिक स्थलों जैसे बोधगया टेम्पल, एयरपोर्ट, मेट्रो स्टेशन पर ही अगर किसी पर शंका हो तो बिना वारंट के पूछताछ और गिरफ्तार करने की छूट होगी. इसके अलावा और कहीं पर भी ऐसा नहीं हो सकता है''- चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव
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पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा
बता दें कि अधिनियम की धारा 3(1) के तहत बीएमपी को पुनर्मूल्यांकन किया गया है. केंद्रीय सुरक्षा बल पर ये हवाई अड्डो और पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा करेगा. औद्योगिक क्षेत्र, हवाई अड्डा या केवल ऐतिहासिक स्थलों के अंदर ही बगैर वारंट के गिरफ्तारी होगी. सामान्य परिस्थितियों में बगैर वारंट के गिरफ्तारी नहीं होगी. सरकार द्वारा जिन स्थलों की सुरक्षा की जिम्मेवारी होगी. वहीं, बगैर वारंट के गिरफ्तारी होगी. गिरफ्तारी के बाद जल्द से जल्द स्थानीय थानों को आरोपी को सौंप दिया जाएगा.
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'राह चलते व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं होगी'
आगे का अनुसंधान जिला पुलिस द्वारा किया जाएगा. ये पटना एयरपोर्ट पर लागू नहीं होगा. ये प्रावधान उन पुलिसकर्मियों पर लागू होगा, जिन्हें ड्यूटी पर लगाया गया है और वह अपने ड्यूटी ठीक से नहीं कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी. राह चलते किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी इस अधिनियम की तहत नहीं की जाएगी.
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बता दें कि मंगलवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 सदन में पेश किया गया. काफी हंगामे के बीच उसी दिन सदन से विधेयक को पास करा लिया गया. विपक्ष की ओर से लगातार इस बिल का विरोध किया जा रहा है. बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बिल को लेकर सदन में 2 दिनों से जबरदस्त हंगामा देखने को मिला. विधानसभा में तो ऐतिहासिक हंगामा हुआ और पुलिस बल को विधानसभा के अंदर तक बुलाना पड़ा. शुक्रवार को विधान परिषद में भी विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया. इस दौरान विपक्ष के सदस्यों की गैर मौजूदगी में ही इस बिल को पारित करा लिया गया.