पटना: बिहार में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं के कारण सरकार बैकफुट पर है. वहीं लगातार विपक्ष के नेताओं के साथ एनडीए गठबंधन में शामिल बीजेपी भी कानून-व्यवस्था पर नीतीश सरकार को घेर रही है. जिसको देखते हुए अपराध पर लगाम लगाने के लिए डीजीपी एसके सिंघल ने हत्या की घटनाओं में शामिल और वांछित आरोपियों को हर हाल में गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को दिया है.
एक्टिव हुए डीजीपी
बिहार में बढ़ रही अपराधिक वारदातों के मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फटकार के बाद बिहार के डीजीपी एसके सिंघल इन दिनों काफी एक्टिव हो गए हैं. रूपेश सिंह हत्याकांड मामले में मीडिया द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष यह बातें कही गई थी कि बिहार के डीजीपी किसी मीडिया कर्मी या आम जनता का फोन नहीं उठाते हैं. जिसके बाद डीजीपी कार्यालय से डीजीपी का नंबर और कार्यालय का नंबर प्रकाशित किया गया था और तब से बिहार के डीजीपी एसके सिंघल मीडिया वालों का फोन अटेंड करते हैं. व्यस्त होने पर वह खुद फोन कर बात भी करते हैं.
लगातार हो रही समीक्षापुलिस मुख्यालय और बिहार के डीजीपी ने एसएसपी और एसपी को निर्देश दिया है कि विशेष अभियान चलाकर हत्या के आरोपियों को हर हाल में गिरफ्तारी सुनिश्चित किया जाए. हत्या, लूट, डकैती और बलात्कार समेत कई अन्य अपराध में फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा लगातार समीक्षा की जा रही है. समीक्षा के दौरान बिहार के जिलों से मिल रही रिपोर्ट के अनुसार कई ऐसे मामले हैं, जहां कई लंबित मामले हैं जिसमें में न ही पुलिस द्वारा कुछ कार्रवाई की गई है और न ही अपराधी की गिरफ्तारी की गई है.
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अपराधियों की गिरफ्तारी का निर्देश
बिहार के डीजीपी के द्वारा सभी जिले के एसपी एसएसपी को लिखे गए पत्र में हत्या के वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और वांछित अपराधियों के गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. पत्र में यह भी कहा गया है कि अगर जरूरत पड़े तो अपराधी को पकड़ने हेतु विशेष अभियान के तहत जिला स्तर पर विशेष टीम का गठन भी किया जाए. मिल रही जानकारी के अनुसार दिए गए निर्देश का फिर से फरवरी माह में समीक्षा मुख्यालय स्तर पर की जाएगी और यह भी देखा जाएगा कि दिए गए निर्देश का उस जिले के पुलिस अधिकारियों ने कितना पालन किया है और कितने अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गई है.