पटना: माघी पूर्णिमा को लेकर अनुमंडल के अलग-अलग गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालु गंगा स्नान कर पूजा पाठ कर रहे है. वहीं, बाढ़ के प्रसिद्ध उमानाथ घाट में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है. वहीं, बाढ़ के उमानाथ धाम के बारे में एक कहावत प्रचलित है कि 'बाढ़-बनारस एक है बसे गंगा के तीर उमानाथ के दर्शन से कंचन होत शरीर है'.
नहीं मिला राष्ट्रीय मेले का दर्जा
बाढ़ प्रशासन की ओर से भी श्रद्धालुओं की सुख-सुविधा का भरपूर ख्याल रखा जाता है. पानी, बिजली, सुरक्षा पर एक सप्ताह पहले ही प्रशासन की ओर से तैयारी की जाती है. तब जाकर संपन्न होता है माघी पूर्णिमा का विशाल मेला. बाढ़ वासियों को आज भी अफसोस है कि-हर साल उमानाथ धाम में लाखों की संख्या में लोग पूजा अर्चना करते हैं. लेकिन आज तक न तो बाढ़ जिला का दर्जा ले पाया है, और न हीं यहां का विशाल मेला 'राष्ट्रीय मेला' का दर्जा ले पाया है. जबकि बिहार में लगने वाली सिमरिया मेला और चौहरमल मेला को बहुत पहले ही 'राष्ट्रीय मेला' का दर्जा प्राप्त हो चुका है.