वनदेवी महाधाम में भक्त ने छाती पर 8 दिनों से रखा कलश, उमड़ी भीड़ पटना:शारदीय नवरात्र का रविवार को आठवां दिन है और ऐसे में अष्टमी को लेकर तमाम दुर्गा मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. मां के आठवें स्वरूप मां गौरी की पूजा के लिए सुबह से ही श्रद्धालु मंदिरों में पहुंच रहे हैं. नवरात्र को लेकर भक्ति गीतों से पूरा इलाका गुंजायमान है. राजधानी पटना से सटे बिहटा स्थित मां वनदेवी मंदिर में भी भक्तों की भीड़ लगी है. यहां 8 दिनों से मां का परम भक्त अपनी छाती पर कलश रख कर कठोर तप कर रहा है.
ये भी पढ़ें:Sharadiya Navratri: चुनावी साल में मां दुर्गे से नेताओं को आस, तेजस्वी-सम्राट और अशोक चौधरी की पूजा देखें..
नवरात्रि के अष्टमी पर भक्तों की लगी कतार मंदिर में एनसीसी जवानों की तैनाती: बिहटा प्रखंड के कंचनपुर ग्राम स्थित मां वन देवी महाधाम में नवरात्रि के अष्टमी के दिन सुबह 3:00 बजे से ही श्रद्धालुओं की कतार लगनी शुरू हो गई. मां के पूजा और दर्शन को लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों और आसपास के इलाकों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. भक्तों ने चुनरी, अड़हुल फूल, नारियल आदि से मां की आराधना कर अपने परिवार के सुख संपत्ति की कामना की. वहीं भीड़ को नियंत्रित और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मंदिर प्रशासन की तरफ से एनसीसी जवानों को तैनात किया गया है.
माता की पूजा करते श्रद्धालु "शारदीय नवरात्र का आठवां दिन है और आठवें दिन मां गौरी रूप की पूजा की जाती है. ऐसे में मां वनदेवी महाधाम में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है."- हरिओम मिश्र, पुजारी
नवरात्र को लेकर फूलों से सजा मां का दरबार मां के परम भक्त ने छाती पर रखा कलश:शारदीय नवरात्र के आठवें दिन सुबह से ही मां गौरी की पूजा के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. नवरात्र को लेकर इस साल मां का एक परम भक्त है. ये बिहटा प्रखंड के डीहरी गांव के रहने वाले दिनेश कुमार हैं जो पिछले आठ दिनों से अपनी छाती पर कलश रखकर मां की आराधना कर रहे हैं. परम भक्त दिनेश कुमार के दर्शन को लेकर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है.
"मां वनदेवी महाधाम में सुबह 3:00 बजे से ही मां की पूजा को लेकर भीड़ लगी हुई है,नवरात्रि के आठवें दिन मां गौरी की पूजा की जाती है. इसको लेकर अष्टमी के दिन मां वनदेवी महाधाम में श्रद्धालुओं की भीड़ है. मां के दरबार में जो भी भक्त सच्चे मन से मुराद मांगता है मां उसे पूरा करती है"-स्थानीय
नवरात्र को लेकर फूलों से सजा मां का दरबार
कैसे हुई मां वनदेवी महाधाम की स्थापना:मां वन देवी, मां विंध्यवासिनी की शक्ति पीठ के रूप में जानी जाती है. 1648 ई. में कंचनपुर ग्राम के रहने वाले विद्यानंद मिश्र ने ही मां वनदेवी महाधाम की स्थापना की थी जो मां विंध्यवासिनी के परम भक्त थे. उन्होंने साधना और पूजा कर मां विंध्यवासिनी के दरबार से इस मंदिर में स्थापना किया था. इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है जो भी भक्त सच्चे मन से मां से कुछ भी मांगते हैं उनकी मुरादे मां पूरी करती है.