बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बिहार में तबाही की आशंका, कोसी बैराज के 56 में से 48 फाटक खोले गए

बिहार में कोरोना संक्रमण की बीमारी नई है. लेकिन हर साल आने वाली बाढ़ नहीं. इस बार भी बाढ़ अपना सितम ढहाने को तैयार है. उफनाई नदियां कई गांवों को जलमग्न कर चुकी हैं.

बिहार में बाढ़
बिहार में बाढ़

By

Published : Jul 21, 2020, 6:58 PM IST

Updated : Jul 21, 2020, 8:58 PM IST

पटना:बिहार में लगातार बाढ़ के कारण हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. पिछले तीन दिन से नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से कोशी में बाढ़ का खतरा बढ़ा. यहां पानी का बहाव एक्सट्रीम डेंजर लेवल को पार कर गया है. लगातार बारिश के चलते कोसी बैराज के 56 में से 48 फाटक को खोल दिया गया है.

बाढ़ की स्थिति अगले कुछ दिनों में और बिगड़ने की आशंका है, इसका कारण यह है कि नेपाल और बिहार के कई ज़िलों में लगातार बारिश का दौर जारी है. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार 153 पंचायत में अभी तक तीन लाख से अधिक लोग बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बैराज नियंत्रण कक्ष के अनुसार मंगलवार सुबह 10 बजे तक 3,40,380 क्यूसेक पानी प्रति सेकंड की दर से कोसी बैराज से छोड़ा जा रहा है. कोसी बैराज से बहने वाली धारा इस वर्ष सबसे अधिक है. कोशी बैराज से बहने वाली धारा इस वर्ष सबसे अधिक है. वाल्मीकि नगर गंडक बराज पर सुबह 7:00 बजे 4 लाख 16 हज़ार क्यूसेक पानी का बहाव गंडक नदी में दर्ज किया गया है.

मंगलवार सुबह 6 बजे तक के जारी आंकडे़ (सोर्स- WRD)

पश्चिम चंपारण : लौरिया-नरकटियागंज सड़क का डायवर्सन बहा
पश्चिम चंपारण में रविवार से भारी बारिश हो रही है. इससे पहाड़ी समेत गंडक व सिकरहना में तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है. सिकरहना के पानी के दबाव से लौरिया-नरकटियागंज पथ में डायवर्सन बह गया है. यहां डायवर्सन टूट जाने से अब तक तीन लोगों की डूब कर मौत हो चुकी है. लौरिया से नरकटियागंज जाने वाली सड़क पर चार से पांच फीट पानी बह रहा है. वहीं टूटे हुए डायवर्सन पर गहरी खाई बन गई है. जिसे पार करने में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. लौरिया का अशोक स्तंभ भी डूब चुका है.

मंगलवार सुबह 6 बजे तक के जारी आंकडे़ (सोर्स- WRD)

बेतिया में बाढ़, समंदर जैसी लहरें
जिले में गंडक नदी उफान पर है. ऐसे में ईटीवी भारत संवाददाता ने यहां से जो तस्वीरें भेजी हैं, वो काफी डरावनी हैं. यहां सड़कों पर नदी की लहरें दिखाई दे रही हैं. वहीं, स्टेडियम जलमग्न हैं. कुल मिलाकर नजारा किसी समंदर की तरह दिखाई दे रहा है. गंडक में उफान के बाद चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है.

मंगलवार सुबह 6 बजे तक के जारी आंकडे़ (सोर्स- WRD)

पढ़ें और देखें ये खबर: सड़क और स्टेडियम में आई समंदर जैसी लहरें, बह गई एक बाइक

बगहा: बाढ़ की चपेट में वाल्मीकिनगर का तराई इलाका
नेपाल सीमा पर बसे बिहार के वाल्मीकिनगर अंतर्गत तटीय इलाकों में भयंकर बाढ़ का मंजर देखने को मिल रहा है. गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से निचले इलाकों के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. साथ ही गंडक नदी के तटीय इलाके में स्थापित एसएसबी के चार कैम्प भी जलमग्न हो गए हैं.

मंगलवार सुबह 6 बजे तक के जारी आंकडे़ (सोर्स- WRD)

गोपालगंज: वाल्मीकि नगर बैराज से छोड़ा गया साढ़े 4 लाख क्यूसेक पानी
नेपाल के तराई इलाके में हो रही लगातार बारिश के कारण गंडक नदी में वाल्मीकि नगर बैराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी एक साथ छोड़ा गया है. गोपालगंज में जिला प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित 6 प्रखंडो में हाई अलर्ट घोषित किया है. निचले इलाके में रहने वाले दियारा वासियों को तत्काल गांव खाली करने को कहा गया है. सदर सीओ लगातार स्थानीय लोगों के बीच अनाउंस कर गांव खाली करने की अपील कर रहे हैं. दियारा वासी दहशत में हैं.

दरभंगा की तस्वीर

कटिहारः गंगा और महानंदा नदी का बढ़ा जलस्तर
कटिहार जिले की प्रमुख नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. गंगा और महानंदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. कारी कोसी नदी का जलस्तर में भी उफान है. जिले में गंगानदी से सटे कैचमेंट एरिया में रहने वाले लोगों के चेहरे पर परेशानी की लकीरें अब साफ दिखने लगी है. जिले के निचले इलाके में पानी फैल गया हैं. जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी हैं.

सड़कों पर लहरें (बेतिया की तस्वीर )

दरभंगा: मुश्किल में बाढ़ पीड़ितों की जान
दरभंगा जिले में बागमती नदी का कहर जारी है. केवटी प्रखंड के गोपालपुर में सुरक्षा बांध टूटने के बाद पिंडारुच और हरिहरपुर पंचायत के कई गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है. लोगों के घर-आंगन और चूल्हे-चौके तक पानी में डूब गए हैं. पशुओं के चारे पर भी आफत हो गई है.

खगड़िया में कोसी, बागमती और बूढ़ी गंडक उफान पर
खगड़िया में कोसी, बागमती और बूढ़ी गंडक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. जिले के सदर प्रखंड का इलाका बाढ़ में डूब गया है. बाढ़ का पानी घर तक घुस गया है. लोगों को सरकारी मदद का इंतजार है. लेकिन जिला प्रशासन उन्हें अभी तक देखने तक के लिए नहीं आया है.

गर्भवती को कुछ ऐसे ले जाते परिजन (दरभंगा )

एनडीआरएफ की 16 टीमें विभिन्न जिलों में तैनात
इस बीच आपको बता दें कि बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए पटना के बिहटा की 9वीं वाहिनी एनडीआरएफ की 16 टीमों को राज्य के 11 जिलों में तैनात किया गया है. गोपालगंज जिला में एनडीआरएफ की तीन टीमें, बेतिया, मोतिहारी एवं सारण में दो-दो टीमें तथा शेष अन्य जिलों में एक-एक टीम तैनात की गई है. सभी टीमें अत्याधुनिक बाढ़ बचाव उपकरण, कटिंग टूल्स व उपकरण, संचार उपकरण, मेडिकल फर्स्ट रेस्पांडर किट, डीप डाइविंग सेट, इनलैटेबल लाइटिंग टावर आदि से लैस हैं.

Last Updated : Jul 21, 2020, 8:58 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details