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सुशांत सिंह राजपूत की 'डेथ मिस्ट्री' सॉल्व करेंगे ये 4 अफसर, SIT में बिहार की दो महिला अधिकारी भी शामिल

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है. 4 सदस्यों की टीम इस केस की जांच करेगी. जिसमें बिहार से संबंध रखने वाली दो महिला अफसर शामिल हैं.

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Published : Aug 20, 2020, 8:23 PM IST

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पटना:सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का सुसाइड मामला सीबीआई को सौंप दिया है. सीबीआई की टीम अब इस केस की जांच कर रही है. ताजा जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने इसके लिए 4 सदस्यों की टीम गठित की है. इस विशेष जांच टीम (एसआईटी) में एक से बढ़कर एक अफसरों को शामिल किया गया है, जिसमें दो महिलाएं भी हैं. अहम बात यह है कि दोनों ही महिला अफसरों का बिहार से खास रिश्ता है.

सुशांत मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी का नेतृत्व गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर मनोज शशिधर करेंगे. वे मौजूदा समय में सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर हैं. उनके अलावा इस टीम में यूपी डीआईजी गनदीप गंभीर, सीबीआई एसपी नुपुर प्रसाद और डीएसपी अनिल यादव शामिल हैं. सूत्रों की मानें तो चार सदस्यों वाली एसआईटी में गगनदीप गंभीर और नुपूर प्रसाद को रखा गया है ताकि महिला आरोपियों से पूछताछ करने में कोई दिक्कत न हो.

आईपीएस अफसर मनोज शशिधर

एसआईटी को लीड करेंगे मनोज शशिधर

  • बिहार के सुशांत सिंह राजपूत की डेथ मिस्ट्री को सुलझाने के लिए गठित टीम को गुजरात कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अफसर मनोज शशिधर लीड करेंगे.
  • साल 2020 जनवरी में ही सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर बनाए गए हैं. पीएम मोदी की कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इनके नाम पर मंजूरी दी थी.
  • खास बात यह है कि मनोज शशिधर अब तक किसी भी जांच में नाकाम नहीं रहे हैं. इससे पहले वे गुजरात में स्टेट इंटेलिजेंस ब्यूरो में एडिशनल डीजी थे.
  • आईपीएस अफसर मनोज शशिधर विजय माल्या केस की जांच की निगरानी कर चुके हैं.
    यूपी डीआईजी गगनदीप गंभीर

मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं डीआईजी गगनदीप गंभीर

  • सुशांत मामले की जांच के लिए गठित टीम में बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली गगनदीप सिंह गंभीर भी शामिल हैं. वह 2004 बैच की गुजरात कैडर की आइपीएस हैं.
  • गगनदीप इसके पहले भी कई गंभीर मामलों की जांच कर चुकी हैं. सीबीआई में उन्हें 'घोटालों की जांच का महारथी' माना जाता है.
  • यूपी के अवैध खनन मामले में पूर्व सीएम अखिलेश यादव की भूमिका की जांच की जिम्मेदारी गगनदीप को सौंपी गई थी. उन्होंने सृजन घोटाले और पत्रकार उपेंद्र राय मामले की भी जांच की.
    आईपीएस नुपूर प्रसाद

एसआईटी में बिहार के गया की निवासी एसपी नुपूर प्रसाद

  • एसआईटी में शामिल नुपूर प्रसाद 2007 बैच की एजीएमयूटी कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं. वे बिहार के गया के टिकारी की रहने वाली हैं.
  • नुपूर प्रसाद ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. उन्हें एक तेजतर्रार महिला अधिकारी के रूप में सीबीआई में जाना जाता है.
  • साल 2007 में नुपूर प्रसाद ने दिल्ली पुलिस में डीसीपी शाहदरा के तौर पर सेवा दी. हाल ही में वे प्रमोशन पाते हुए सीबीआई में बतौर एसपी पहुंची हैं.

हाई-प्रोफाइल वित्तीय मामलों की जांच कर चुके हैं डीएसपी अनिल कुमार यादव

  • सुशांत सिंह राजपूत की मौत मिस्ट्री को सुलझाने के लिए डीएसपी अनिल कुमार यादव को भी एसआईटी का हिस्सा बनाया गया है. उन्होंने हत्या के जटिल मामलों की जांच में कई बार अपनी काबिलियत साबित की है.
  • डीएसपी अनिल कुमार यादव ने मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले की जांच की थी. इसके अलावा उन्होंने कॉमनवेल्थ घोटाले और अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच की.
  • अनिल कुमार यादव को उनकी सेवा के लिए उन्हें साल 2015 में गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस मेडल से नवाजा गया था. सुशांत मामले की जांच के लिए गठित टीम में वह अहम योगदान देंगे.
    अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (फाइल फोटो)

सुशांत सिंह राजपूत 'डेथ मिस्ट्री' में आगे क्या?

  • जानकारी के मुताबिक मामले की आगे की जांच बिहार पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर की जाएगी. सीबीआई की एसआईटी बिहार और महाराष्ट्र पुलिस की ओर से हुई अब तक की जांच के आधार पर दस्तावेज जुटाएगी. इसमें कॉल डिटेल, रिकॉर्ड, बैंक अकाउंट डिटेल्स शामिल है.
  • बिहार पुलिस अब तक सुशांत के परिजनों के ही बयान ले सकी है जबकि अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती समेत अन्य के बयान दर्ज नहीं हुए हैं. इस काम को अब सीबीआई करेगी. वहीं मुंबई पुलिस से सीबीआई को सीसीटीवी फुटेज, पूछताछ के डिटेल्स, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट्स जुटाने होंगे.
  • दस्तावेज जुटाने के बाद जांच अधिकारी एक्शन प्लान बनाएंगे. उस पर सीबीआई के आला अफसर फैसला लेंगे कि जांच की दिशा-दशा क्या होगी. इसमें सबसे अहम घटना का रीक्रिएशन करना होगा.
  • अमूमन हर केस में कम से कम 15 दिन-30 दिन में जांच अधिकारियों को प्रोग्रेस रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को देनी होती है. लेकिन, सुशांत मामले की गंभीरता को देखकर साफ लगता है कि हर कदम की उच्च अधिकारी समीक्षा करेंगे.
  • सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसलों में स्पष्ट कहा है कि आत्महत्या के लिए उकसाने का दोष तभी सिद्ध होता है जब किसी न किसी तरीके से आरोपी की मंशा साबित होती हो. इस जांच को आगे बढ़ाने में यह एक आवश्यक शर्त होगी.
  • बिहार पुलिस की एफआईआर में आरोप लगाए गए हैं कि रिया और उसके रिश्तेदारों ने सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाया था. ऐसे में सीबीआई को जांच के जरिए पहले यह साबित करना होगा कि रिया का भूमिका क्या थी?
  • गौरतलब है कि फिजिकल साक्ष्यों के साथ-साथ सर्कमस्टेंशियल साक्ष्य जरूरी होंगे. इसके लिए रिया के रिश्तेदारों, सुशांत के दोस्तों, मिलने-जुलने वालों और उन सभी से पूछताछ होगी, जो दोनों के संबंधों के बारे में खुलकर बात करने के लिए तैयार हों.

अभिनेता की मुंबई स्थित फ्लैट में मौत
बता दें कि बिहार के पूर्णिया के रहने वाले एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने बीते 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट में कथित तौर पर सुसाइड किया था. मामले पर महाराष्ट्र पुलिस और बिहार पुलिस अलग-अलग जांच कर रही थी. बाद में बिहार सरकार की ओर से सिफारिश किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है.

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