पटना:पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंतीपर राजधानी पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनकी प्रतिमा पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने माल्यार्पण किया. कभी जयंती का विरोध करने वाले तेजस्वी शामिल होने पर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं. वहीं अब उपमुख्यमंत्री ने एक्स (ट्वीट) कर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि राजकीय कार्यक्रम दलीय परिधि से बाहर होते हैं. चूकि पटना में कार्यक्रम आयोजित हुआ था और वह पटना जिला के प्रभारी मंत्री भी हैं. लिहाजा प्रोटोकॉल की वजह से उनको वहां जाना पड़ा. हम मन वचन और कर्म से लोकतांत्रिक हैं, इसलिए सबका सम्मान करते हैं और कभी किसी का व्यक्तिगत विरोध नहीं करते हैं.
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तेजस्वी यादव ने क्या कहा?:डिप्टी सीएम ने एक्स पर लिखा, "राजकीय कार्यक्रम दलीय परिधि से बाहर होते हैं. पटना में आयोजित होने वाले प्रत्येक राजकीय समारोह में जिला प्रभारी मंत्री की हैसियत से प्रोटोकॉल में जाना पड़ता है. हम समाजवादी लोग इन भाजपाइयों की तरफ नफरती मनोभाव नहीं रखते. हम मन वचन और कर्म से लोकतांत्रिक हैं. इसलिए सबका सम्मान करते हैं और कभी किसी का व्यक्तिगत विरोध नहीं करते. हां हमलोगों का इनसे वैचारिक मतभेद रहता है और रहना भी चाहिए."
बीजेपी नेताओं का तेजस्वी पर तंज:कभी तेजस्वी यादव ने दीनदयाल उपाध्याय जयंती समारोह मनाने का विधानसभा में विरोध किया था लेकिन आज इस सवाल पर पूरी तरह से मुकर गए. वहीं तेजस्वी यादव के राजकीय समारोह में शामिल होने पर नंदकिशोर यादव ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार से पूरा देश प्रभावित हो रहा है तो वह भी प्रभावित हो रहे हैं, अच्छी बात है.
नीतीश के साथ नहीं आने पर क्या बोले बीजेपी नेता?: राजकीय समारोह में भाजपा नेताओं के नहीं आने पर नंदकिशोर यादव और सुशील मोदी ने कहा कि उन्हें समय की कोई जानकारी नहीं थी. नेताओं ने कहा कि हम लोगों को कोई सूचना नहीं दी गई थी लेकिन जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने समारोह में शामिल होकर दीनदयाल उपाध्याय को नमन किया है, इससे कई तरह के कयास जरूर लगने लगे हैं. ध्यान रहे कि मुख्यमंत्री पिछले साल नहीं गए थे और उससे पहले भी एक-दो बार ही समारोह में शरीक हुए थे.