पटनाः बिहार में बेरोजगारी की समस्या (Unemployment In Bihar) कई दशकों से दशकों से जारी है. हर साल हजारों हजार लोग रोजी रोटी की तलाश में दूसरे प्रदेशों की ओर पलायन करते हैं. चुनाव के दौरान हर बार रोजगार पर विभिन्न गठबंधन के नेता युवाओं को सुनहरे सपने दिखाते हैं. बाद में एक दूसरे से रोजगार का हिसाब मांगते नजर आते (Politics on job in Bihar) हैं. हाल के दिनों में एनडीए और महागठबंधन के नेता एक दूसरे से सवाल जवाब कर रहें. बीजेपी की ओर से बिहार में रोजगार के हिसाब के सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav Attack on BJP ) ने कहा कि बिहार में सरकार के 3 महीने पूरे होने पर रोजगार के हिसाब मांगने वाले हिसाब तो मांगा ही जाना चाहिए. बीजेपी को गिनती नहीं आती है. इसीलिए रोजगार को लेकर अनाप शनाप बयान देते हैं.
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"केंद्र सरकार का हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा था. 8 सालों में 16 करोड़ में कितने रोजगार दिए हैं बतायें. गुजरात का चुनाव है और ये लोग जुमले बोलते रहते हैं. अमित शाह ने भी जुमल कहा था. जो लोग हमसे हिसाब मांग रहे हैं. खासकर के रोजगार को लेकर वह खुद क्या किए हैं. यह बिहार की जनता देख रही है उन्हें खुद के किए कामों के बारे में जनता को बताना चाहिए."-तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम