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पटनाः सुशील मोदी ने किया 'माय न्यू एजुकेशन पॉलिसी कंपटीशन' का उद्घाटन

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि 28 वर्षों बाद देश में नई शिक्षा नीति आई है. यह शिक्षा नीति देश की अंतरात्मा के अनुरूप तैयार की गई है.

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Published : Sep 11, 2020, 8:28 PM IST

पटनाः राजधानी पटना के इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च कंपलेक्स के सभागार में शुक्रवार को माई एनईपी प्रतियोगिता का उद्घाटन राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने किया. इस मौके पर विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्याली राम, एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीनिवास और इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के निदेशक डॉ. बी. पी. भट्ट मौजूद रहे.

MY NEP प्रतियोगिता का उद्घाटन
माय न्यू एजुकेशन पॉलिसी कंपटीशन मेरी शिक्षा मेरा भारत के थीम पर विद्या भारती और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपने तत्वाधान में आयोजित कर रहा है और यह प्रतियोगिता 25 सितंबर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस के दिन से लेकर 2 अक्टूबर महात्मा गांधी के जन्म दिवस के दिन तक विद्या भारती की ओर से चलाया जाएगा. कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने माई एनईपी मेरी शिक्षा मेरा भारत का एक स्मारिका लांच किया.

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी

'नई शिक्षा नीति देश की अंतरात्मा के अनुरूप की गई है तैयार'
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि 1992 में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने नई शिक्षा नीति लाई थी, जो 1986 के शिक्षा नीति का विस्तार था. 28 वर्षों बाद देश में नई शिक्षा नीति आई है और यह शिक्षा नीति देश की अंतरात्मा के अनुरूप तैयार की गई है. पहले जो शिक्षा नीति थी उसमें 6 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों के लिए ही मुख्य रूप से शिक्षा नीति थी. मगर नई शिक्षा नीति 3 वर्ष से लेकर 18 वर्ष के बच्चों के लिए है. बच्चों को कक्षा 5 तक की प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में दी जाएगी. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में 3 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए फाउंडेशन स्टेज है. 8 से 11 साल के बच्चों के लिए प्रिपरेट्री स्टेज, 11 से 14 साल के बच्चों के लिए मिडिल स्टेट और 14 से 18 साल के बच्चों के लिए सेकेंडरी स्टेज की व्यवस्था है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'मिड डे मील बंद होने से बढ़ेगी ड्रॉपआउट की संख्या'
सुशील मोदी ने कहा कि शहर में रहने वाले कई मध्यम वर्गीय लोगों को लगता है कि प्राइमरी स्कूल में मिलने वाला मिड डे मील पैसे की बर्बादी है. मगर यह बहुत जरूरी है. अगर मिड डे मील बंद कर दिया जाए, तो स्कूलों में ड्रॉपआउट की संख्या बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि गरीब अभिभावक यह सोचकर स्कूल अपने बच्चों को भेजते हैं कि वहां उसे एक वक्त भरपेट भोजन मिल जाएगा और बच्चे जब स्कूल आते हैं, तो वहां उन्हें इससे कुछ सीखने को भी मिलता है.

'मिड डे मील को प्री स्कूल में किया जाएगा शामिल'

सुशील मोदी ने कहा कि अब मिड डे मील को प्री स्कूल में भी शामिल किया जाएगा. यानी कि कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों को भी अब मिड डे मील मिलेगा. नई शिक्षा नीति में एजुकेशन पर 6 प्रतिशत जीडीपी खर्च हो रहा है. यह काफी सराहनीय है. इसके साथ ही नई शिक्षा नीति में नवाचार पर बल दिए जाने को बहुत ही महत्वपूर्ण कदम बताया.

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