उप मुख्य पार्षद, डिप्टी मेयर और उपाध्यक्ष का धरना. पटना: बिहार विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. राज्य के तमाम नगर निकायों के उप मुख्य पार्षद, डिप्टी मेयर और उपाध्यक्ष पटना के गर्दनीबाग स्थित धरनास्थल पर अपनी मांगों को लेकर धरना पर बैठे हुए हैं. ये सभी चेहरे पर काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार नगर पालिका एक्ट में संशोधन करे. सरकार उप मुख्य पार्षदों का अधिकार तय करे.
इसे भी पढ़ेंः Bihar Teacher Recruitment : विधानसभा घेराव करने के मूड में हैं नियोजित शिक्षक, नई नियमावली का विरोध
सामूहिक इस्तीफा सौंप देंगेः नगर परिषद के उपाध्यक्ष शंकर यादव ने कहा कि जनता के वोट से सीधे चुनकर वह लोग आते हैं ऐसे में उनके पास भी अधिकार होना चाहिए और मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के बीच जवाबदेही का बंटवारा होना चाहिए. वह सभी अपने अधिकारों की मांग को लेकर धरना स्थल पर पहुंचे हुए और धरना दे रहे हैं. सरकार यदि नगर पालिका एक्ट में संशोधन कर उन लोगों को अधिकार नहीं देती है तो प्रदेश के सभी 261 उप मुख्य पार्षद सरकार को सामूहिक इस्तीफा सौंप देंगे.
काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन. "कहने को तो हम डिप्टी मेयर हैं लेकिन मेरे पास कोई पावर नहीं है, ऐसे में जनता के मुद्दों को लेकर जब अधिकारियों के पास जाते हैं तो अधिकारी नहीं सुनते हैं. नगर पंचायत में सभी पावर मुख्य पार्षद और मेयर के पास है जबकि उप मुख्य पार्षद भी जनता के वोटों से सीधे चुनकर आए हैं. उप मुख्य पार्षदों की स्थिति ऐसी है कि एक पार्षद से भी कम अधिकार है."- अनिता राय, बेगूसराय की डिप्टी मेयर
ऑर्नामेंटल पद बनकर रह गयाः धरना प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे समस्तीपुर नगर निगम के उप मुख्य पार्षद रामबालक पासवान ने कहा कि वह भी जनता के वोटों से सीधे चुनकर आए हैं लेकिन जनता के हित संरक्षण के लिए वह भागीदार नहीं बन पा रहे हैं. जनता उनसे सवाल पूछ रही है. नगर पंचायत में उप मुख्य पार्षद का पद ऑर्नामेंटल पद बनकर रह गया है. कहने को तो उप मुख्य पार्षद है लेकिन अधिकार कुछ नहीं है.