पटनाः बिहार की राजधानी पटना में पथ निर्माण विभाग के सेवानिवृत इंजीनियर पर रिश्वत लेने के आरोप की जांच के बाद विभागीय कार्रवाई (Departmental action on retired engineer in Patna) की गई. विभागीय कार्रवाई के तहत भ्रष्ट इंजीनियर सुरेश प्रसाद सिंह की पेंशन को शून्य करने की अधिसूचना जारी कर दी गई. दरअसल, सुरेश प्रसाद सिंह को रिश्वत लेते रंगे हाथ निगरानी विभाग ने पकड़ा था. तत्कालीन कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद सिंह की विभागीय जांच के बाद पेंशन को शून्य किया. पथ निर्माण विभाग (Road Construction Department Bihar) ने यह अधिसूचना जारी की है.
ये भी पढ़ेंः नोटों के बिस्तर पर सोता था बिहार का ये इंजीनियर, देखकर चौंक जायेंगे
2019 में निगरानी विभाग ने रिश्वत लेते हुए पकड़ा थाः पटना पश्चिम पथ प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद सिंह को निगरानी ब्यूरो ने 8 जून 2019 को 14 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. भ्रष्ट इंजीनियर के घर की तलाशी में 2 करोड़ 36 लाख 23 हजार नगद पाया गया था. इसके अलावा बड़ी संख्या में पासबुक और अन्य संपत्ति मिली थी. भ्रष्ट इंजीनियर सुरेश प्रसाद सिंह को निगरानी ब्यूरो ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इसके बाद 2020 में विभागीय कार्यवाही शुरू की गई और मुख्य जांच आयुक्त को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया. इधर भ्रष्ट कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद सिंह 31 मार्च 2022 को सेवानिवृत्त हो गए.
एक ठेकेदार की शिकायत पर मारा गया था रेडः संचालन पदाधिकारी ने इंजीनियर सुरेश प्रसाद सिंह की पूरी पेंशन राशि को काटने का आदेश दिया. इसके बाद पथ निर्माण विभाग ने उनकी पूरी पेंशन राशि को शून्य (0) कर दी है. पथ निर्माण विभाग की ओर से इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. पटना के एक ठेकेदार ने निगरानी ब्यूरो में भ्रष्ट कार्यपालक अभियंता की शिकायत की थी. ठेकेदार ने बिल भुगतान के एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत की थी.
पलंग पर रुपया बिछाकर सोता था इंजीनियरःशिकायत के बाद निगरानी ब्यूरो ने पटना के पटेल नगर में भ्रष्ट इंजीनियर के आवास में छापा मारा था. रेड में अकूत संपत्ति का पता चला था. बड़ी राशि पलंग पर मिली थी और उस समय यह खूब चर्चा हो रही थी कि उसी पलंग पर इंजीनियर सोता था. विभागीय जांच के बाद पेंशन शून्य कर दी गई है. इस कारण भ्रष्ट इंजीनियर को अब कुछ भी पेंशन के रूप में नहीं मिलेगा.