पटनाःबिहार में शहीद जगदेव जयंती पर जदयू में दो अलग-अलग आयोजन हो रहा है. एक पार्टी की ओर से कर्पूरी सभागार में हो रहा है और पहली बार प्रखंड स्तर पर जयंती मनाई जा रही है. तो दूसरी तरफ महात्मा फुले परिषद के बैनर तले उपेंद्र कुशवाहापटना में पटेल सेवा भवन में कार्यक्रम कर रहे हैं. पूरे बिहार में जिला स्तर पर आयोजन हो रहा है. जदयू के अंदर ही कुशवाहा समाज किसके साथ है, इसको लेकर शक्ति प्रदर्शन हो रहा है.
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Bihar Politics : जदयू में शहीद जगदेव जयंती को लेकर शक्ति प्रदर्शन, उपेंद्र कुशवाहा कर रहे अलग आयोजन - बाबू जगदेव प्रसाद
उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों अपनी पार्टी से नराज चल रहे हैं. शहीद जगदेव जयंती के बहाने उपेंद्र कुशवाहा अपने समाज पर पकड़ दिखाना चाहते हैं. वहीं जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी पार्टी की ओर से कार्यक्रम कर रहे हैं. यही वजह की इस बार जेडीयू में दो अलग-अलग कार्यक्रम हो रहा है.
नेताओं को दी गई विशेष जिम्मेदारीः उपेंद्र कुशवाहा जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और पूरी तैयारी का मोर्चा संभाल रखा है. पिछले कई दिनों से बिहार के अलग-अलग जिलों में जाकर इसे सफल बनाने की तैयारी की है, तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा पार्टी कार्यालय में कार्यक्रम कर रहे हैं, जिसमें पार्टी के कई नेता और मंत्री खासकर जो कुशवाहा समाज से आते हैं, उन्हें विशेष जिम्मेदारी दी गई है. जदयू के तरफ से पहली बार प्रखंड स्तर पर शहीद जगदेव जयंती मनाई जा रही है. जयंती को लेकर पार्टी कार्यालय में और पटना के कई हिस्सों में पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं.
उपेंद्र कुशवाहा अलग मना रहे जयंतीः जदयू की तरफ से उपेंद्र कुशवाहा को शहीद जगदेव की जयंती महात्मा फुले परिषद के बैनर तले नहीं मनाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा ने महात्मा फुले परिषद के बैनर तले इसे मनाने की पहले ही घोषणा कर रखी है. उन्होंने यह भी कहा कि जब महाराणा प्रताप का समारोह अलग संस्था के माध्यम से हो सकता है तो शहीद जगदेव की जयंती महात्मा फुले परिषद क्यों नहीं कर सकता है, जो हर साल करता है.
उपेंद्र कुशवाहा की बढ़ सकती हैं मुश्किलेंः दरअसल जेडीयू में उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों बागी तेवर अपनाए हुए हैं और नीतीश कुमार को लगातार चुनौती दे रहे हैं. अब शहीद जगदेव जयंती के बाद यह टकराव और बढ़ेगा. महात्मा फुले परिषद के बैनर तले शहीद जगदेव जयंती मनाने के कारण उपेंद्र कुशवाहा की मुश्किल बढ़ भी सकती है। ऐसे देखना है पार्टी कोई एक्शन लेती है या नहीं।