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किसान विरोधी बिल को वापस लेना होगा- कांग्रेस - पटना में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने मंगलवार को भारत बंद का एलान किया. बंद का कई राजनीतिक पार्टियां समर्थन कर रही है.

पटना
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Published : Dec 8, 2020, 4:43 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 7:11 PM IST

पटना: कृषि कानून के विरोध में मंगलवार को भारत बंद को देश के तमाम विपक्षी दलों ने समर्थन किया है. राजधानी की सड़कों पर राजद, कांग्रेस, वाम दल, एनसीपी और जन अधिकार पार्टी के नेता सड़क पर उतरे. वहीं, बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस के कई विधायक और नेता पटना के डाकबंगला चौराहे से पैदल मार्च किया.

'यह सरकार बहरी और गूंगी है, लेकिन यह जो काला कानून है वह किसी भी स्थिति में किसानों के हक में नहीं है. काले कानून को लेकर हमारे देश के किसान आज आंदोलित हैं ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि इस कठिन समय में हम उनका साथ दें. इसलिए आज हमारी पार्टी बंद का समर्थन कर रही है'.--मदन मोहन झा, कांग्रेस अध्यक्ष

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'आजादी के बाद इस तरह का आंदोलन पहली बार पूरे देश में हो रहा है. देश की जनता का पेट भरने वाले किसान आज सड़कों पर हैं और मोदी सरकार गहरी निंद्रा में सोई हुई है. इस बिल के विरोध में पूरा देश जिस तरह से सड़कों पर उतरा है और आम जनता का समर्थन उनके साथ है, इतना तो तय है कि सरकार को अपना फैसला वापस लेना होगा'.--राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता

बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 12 दिनों से डटे प्रदर्शनकारी किसानों ने मंगलवार को 'भारत बंद' बुलाया है. किसान संगठनों के भारत बंद को बिहार के तमाम विपक्षी दलों ने खुला समर्थन दिया है. राजद-कांग्रेस और वाम दलों के साथ राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी ने भी नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया है.

Last Updated : Dec 15, 2020, 7:11 PM IST

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