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बिहार के लाखों संविदा कर्मियों की मुसीबत बरकरार, सेवा शर्त लागू होने का है इंतजार

बिहार के लाखों संविदा कर्मियों की सेवा को सरकार नियमित नहीं कर रही है. इससे संविदाकर्मियों में गुस्सा बढ़ने लगा है. हालांकि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर है. इस मुद्दे पर गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट भी आ चुकी है लेकिन अब तक बात आगे नहीं बढ़ पाई है.

Demand to implement service condition by contract workers In patna
Demand to implement service condition by contract workers In patna

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Published : Dec 15, 2020, 10:00 AM IST

Updated : Dec 15, 2020, 2:50 PM IST

पटना:बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्ष ने रोजगार के साथ संविदा कर्मियों को नियमित करने का बड़ा मुद्दा उठाया था. इसको लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जारी घमासान अभी भी खत्म नहीं हुआ है. इस मुद्दे को लेकर संविदाकर्मी सवाल उठा रहे हैं तो वहीं आरजेडी ने सरकार को चेतावनी दी है कि संविदा कर्मियों की मांग जल्द पूरी करें.

अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे बिहार के लाखों संविदाकर्मी का कहना है कि उन लोगों को अब तक सेवा शर्त का लाभ भी नहीं मिल पाया है. हालांकि इस मुद्दे को लेकर चुनाव से पहले सरकार और संविदा कर्मियों के बीच वार्ता भी हुई थी और सरकार ने लिखित आश्वासन भी दिया था. लेकिन अब तक सरकार के आश्वासन पर बात आगे नहीं बढ़ पाई है.

पेश है रिपोर्ट

सभी विभाग में संविदाकर्मी ही संभाल रहे काम
बता दें कि बिहार में कई सालों से नियमित बहाली की प्रक्रिया लगभग ठप पड़ी है. बिहार में धड़ल्ले से पिछले करीब 10 साल से संविदा पर नौकरी की व्यवस्था चल रही है. स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग से लेकर जल संसाधन और सरकार के लगभग सभी विभागों में भी संविदाकर्मी ही सारा काम संभाल रहे हैं. लेकिन इन संविदा कर्मियों की सेवा शर्तें और उन्हें नियमित करने का मामला लंबित पड़ा है. इसी साल अगस्त महीने में संविदा कर्मियों पर गठित हाई लेवल कमिटी की रिपोर्ट भी सरकार को मिल चुकी है. सरकार ने सभी विभागों से संविदा कर्मियों की पूरी लिस्ट मांगी थी. वहीं, कई ऐसे भी विभाग हैं जिसने अपने विभाग में काम करने वाले संविदा कर्मियों की लिस्ट सरकार को नहीं सौंपी है.

अपनी मांगो के बारे में बताते संविदाकर्मी

किन पदों पर काम कर रहे हैं संविदाकर्मी
डाटा एंट्री ऑपरेटर, आईटी ऑपरेटर, जीविका कर्मी, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी, ड्राइवर, लेक्चरर, आईटी मैनेजर, ग्राम कचहरी सचिव, आशुलिपिक, अमीन, आयुष चिकित्सक, सहायक इंजीनियर, कार्यपालक सहायक, लेखा सहायक, प्रयोगशाला सहायक, सांख्यिकी स्वयंसेवक और लैब टेक्नीशियन आदि. एक अनुमान के मुताबिक 5 लाख से ज्यादा संविदाकर्मी अलग-अलग विभागों में सेवा दे रहे हैं. सरकार ने इनकी सेवा को नियमित करने और इन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह तमाम सुविधाएं देने के लिए एक हाई लेवल कमिटी अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट अगस्त महीने में सरकार को मिल चुकी है. अब सरकार को विभिन्न विभागों से कार्यरत संविदा कर्मियों की पूरी जानकारी मिलने का इंतजार है.

सेवा शर्त लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
Last Updated : Dec 15, 2020, 2:50 PM IST

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