पटना:बिहार मेंएसटीईटी हाई स्कूल टीचर्स नियुक्ति का मामला 2019 से ही अधर में लटका हुआ है. जिसे लेकर बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन संघ(Bihar Shikshak Niyojan Association) ने सरकार से जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग (Demand For STET High School Teachers Recuritment) की है. संघ के अध्यक्ष सौरव कुमार ने कहा है कि निर्णय लेने में देरी होने से एक तरफ जहां युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में शिक्षकों की कमी का अनुपात भी पूरी नहीं हो पा रहा है.
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नियुक्ति के लिए दो बार हुई परीक्षाः संघ के अध्यक्ष सौरव कुमार बताते हैं कि बिहार में एसटीईटी का आयोजन आठ साल बाद हुआ. जिसके बारे में नोटिफिकेशन 2019 में जारी किया गया. जनवरी 2020 में ऑफलाइन मोड में परीक्षा भी आयोजित हुई, लेकिन दो-तीन सेंटरों पर फर्जीवाड़े की बात सामने आने पर उसे रद्द कर दिया गया. दोबारा इस परीक्षा का आयोजन सितंबर 2020 में किया गया. तब इसे ऑनलाइन मोड में किया गया. इस परीक्षा के तहत कुल 37335 रिक्तियों को पूरा करना था. कोरोना महामारी के कारण सितंबर में इस परीक्षा को टीसीएस द्वारा कंडक्ट कराया गया.
परीक्षा के बाद सरकार द्वारा मार्च 2021 में इस परीक्षा के परिणाम को भी जारी किया गया. तब इसमें 15 में से 12 विषयों के परिणाम को जारी किया गया. इसके तहत 30332 रिक्तियों को पूर्ण किया जाना था. इसमें पेपर वन में 16068 तथा पेपर टू में 8531 यानि 24599 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए. इनकी संख्या सीट से कम थी. इसलिए सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति पक्की की घोषणा भी की गई.