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'मेरे बेटे की हरियाणा में हत्या कर दी गई थी, सीएम साहब.. 10 साल से न्याय के लिए भटक रहा हूं'

मुख्यमंत्री जी मेरे बेटे की हरियाणा में 10 साल पहले हत्या (Bihar Student Murdered In Haryana ) कर दी गई थी. सबसे गुहार लगाकर थक चुका हूं. सीबीआई से गुहार लगाया तो कहा गया कि वहां के सीएम से आदेश चाहिए. मैंने प्रधानमंत्री से लेकर बिहार के राज्यपाल तक से भी गुहार लगाई है लेकिन कुछ नहीं हुआ. अब आप ही कुछ कीजिए...

Bihar Student Murdered In Haryana
Bihar Student Murdered In Haryana

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Published : Feb 21, 2022, 1:09 PM IST

पटना: वैशाली जिले के देसरी के रहने वाले अनिल कुमार सिंह सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार ( Nitish Kumar Janta Darbar) के बाहर अपने बेटे के हत्यारों पर कार्रवाई की मांग को लेकर गुहार लगाने पहुंचे थे. अनिल कुमार सिंह का कहना है कि, उनका बेटा हरियाणा इंजीनियरिंग कॉलेज (Bihar youth murdered in Haryana Engineering College) में पढ़ाई करता था और वहां का टॉपर था. वहीं उसकी हत्या कर दी गई थी. हर जगह गुहार लगाकर थक चुके हैं लेकिन कहीं से कोई न्याय नहीं मिला तो अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाने पहुंचे हैं.

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वैशाली जिला के देसरी के रहने वाले अनिल कुमार सिंह का कहना है कि, हरियाणा इंजीनियरिंग कॉलेज का मेरा बेटा टॉपर था. 2012 में उसकी हत्या कर दी गई. उसके साथ कुछ कश्मीरी छात्र भी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे. कश्मीरी स्टूडेंट सेमेस्टर एग्जाम में मदद नहीं करने पर बेटे को बार-बार धमकी दे रहे थे. हम लोगों को भी जब जानकारी मिली तो वहां के प्रिंसिपल, डायरेक्टर और अन्य लोगों को जानकारी भी दी लेकिन उसके बावजूद 2012 में मेरे बेटे की हत्या कर दी गई.

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"बेटे के हत्यारों को पकड़ने के लिए राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक से गुहार लगा चुके हैं. सीबीआई, हरियाणा सरकार से भी लगातार जांच के लिए अपील करते रहे हैं. डीजीपी, मुख्य सचिव से लेकर सभी अधिकारियों से अपील हमने की है. लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब थक हारकर मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचे हैं. मेरे बेटे का नाम नीलमणि था. मेरा दूसरा बेटा मंदबुद्धि है. हम लोग बहुत गरीब परिवार से हैं."- अनिल कुमार सिंह, फरियादी

अनिल कुमार सिंह का कहना है कि, 2012 से लगातार बेटे की हत्या की जांच और दोषियों पर कार्रवाई के लिए हर जगह गए हैं. पिछले 10 सालों में कहीं से कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. अनिल कुमार सिंह ने रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है लेकिन अभी तक जनता दरबार से बुलावा नहीं आया है. इसलिए जनता दरबार के बाहर ही गुहार लगाने पहुंचे हैं.

कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण तेजी से घटने के बाद मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह जनता दरबार की शुरुआत की थी और यह दूसरा सप्ताह है. ऐसे अभी भी कोरोना गाइडलाइन का जनता दरबार में सख्ती से पालन हो रहा है और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वालों को जांच पड़ताल के बाद सीमित संख्या में ही बुलाया जा रहा है.

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आपको बता दें कि जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guidelines in Janata Darbar) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

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