बिहार

bihar

ETV Bharat / state

दिल्ली में मौलाना को अगवा कर 20 लाख की फिरौती मांगने वाले सभी 5 आरोपी बिहार के निकले

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने शाहीन बाग मदरसा के मौलाना को अगवा करने के मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने बताया कि मौलाना के पास उसने 20 लाख रुपए जमा कराए थे, जो वह लौटा नहीं रहे थे. सभी आरोपी बिहार के रहने वाले हैं.

दिल्ली
दिल्ली

By

Published : Apr 10, 2021, 10:22 PM IST

नई दिल्ली/पटना:दिल्ली स्थित शाहीन बाग मदरसा के मौलाना को अगवा करने के मामले में क्राइम ब्रांच ने 5 आरोपियों को गिरफ्तारकिया है. इनमें से एक आरोपी मौलाना के मदरसे में छात्र रहा है. उसने पुलिस को बताया कि मौलाना के पास उसने 20 लाख रुपए जमा कराए थे, जो वह लौटा नहीं रहे थे. इसलिए उसने मौलाना को अगवा कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. पुलिस ने इस मामले में तीन मोबाइल, पीड़ित का आधार कार्ड, एटीएम कार्ड एवं अन्य सामान बरामद किया है.

ये भी पढ़ें :कहिटार : राजद नेता और व्यवसायी निर्मल बबूना हत्याकांड का खुलासा, तीन गिरफ्तार

अतिरिक्त आयुक्त शिवेश सिंह के अनुसार बीते 6 अप्रैल को शाहीन बाग निवासी मोहम्मद मुजम्मिल ने अपने भाई मौलाना मोहम्मद मुंतजीर आलम के लापता होने की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी. उसने बताया कि 5 अप्रैल से वह लापता है. इस बाबत शाहीन बाग थाने में अपहरण का मामला दर्ज किया गया. कुछ देर बाद पीड़ित को एक कॉल आयी जिसमें उनसे फिरौती मांगी गई.

व्हाट्सएप के जरिए यह कॉल की गई थी और उसके भाई को छोड़ने के लिए 25 लाख रुपये की मांग की गई. मौलाना का अपहरण होने से इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. इसे ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच डीसीपी भीष्म सिंह की देखरेख में एसीपी अरविंद कुमार, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार, विजय और संजय की टीम ने जांच शुरू की.

पांच अपहरणकर्ता हुए गिरफ्तार
छानबीन के दौरान पुलिस टीम ने सबसे पहले आसपास लगे हुए सीसीटीवी फुटेज खंगाले. इससे पता चला कि मौलाना आखिरी बार सदाकत नामक युवक के साथ देखे गए थे. वह उनके मदरसे में 2008 में पढ़ता था. पीड़ित के परिवार को वह अच्छे से जानता था. सदाकत का मोबाइल फोन बंद था. साथ ही उसके परिवार के सदस्यों का मोबाइल भी बंद था.

उसकी पत्नी के मोबाइल की आखिरी लोकेशन नोएडा में मिली. इस बीच एसआई अरुण सिंधु को पता चला कि सदाकत नोएडा में छिपा हुआ है. पुलिस टीम ने वहां से छापा मारकर उसे पकड़ लिया. उसकी निशानदेही पर अबुल फजल इलाके में छापा मारा गया जहां से मौलाना मुंतजीर आलम को मुक्त करा लिया गया. यहां से चार अन्य आरोपी पकड़े गए जिन्हें लोकल पुलिस के हवाले कर दिया गया है.

रुपये निकलवाने के लिए किया अपहरण
पूछताछ के दौरान सदाकत ने पुलिस को बताया कि वह 2008 में मौलाना के पास पड़ता था. वह ओखला इलाके में एक फूड स्टॉल चलाता है. बीते 5 साल से वह मौलाना के पास अपने बचत के रुपए जमा कर रहा था. अब तक वह सट्टा और क्रिकेट मैच में कमाए गए 20 लाख रुपये मौलाना को दे चुका था.

वह अपनी फूड स्टॉल के लिए एक दुकान इस रकम से खरीदना चाहता था. उसने जब मौलाना से अपने रुपए मांगे तो उसने यह रकम लौटाने से इंकार कर दिया. इसके चलते उसने अपने भाई मंजर और दोस्त फिरदौस, शमीम और नबी हसन के साथ मिलकर मौलाना को अगवा कर लिया. इसके लिए उसने शाहीन बाग में एक घर किराए पर लिया था. यहां पर उसने झाड़-फूंक के लिए मौलाना को बुलाया और वहां बंधक बना लिया.

बिहार के रहने वाले हैं सभी आरोपी
गिरफ्तार किया गया सदाकत बिहार का रहने वाला है. फूड स्टॉल चलाने के दौरान वह सट्टा खेलता था. इसमें उसे काफी रुपए मिले. बीते 5 साल में वह मौलाना को 20 लाख रुपए दे चुका था. वह रकम नहीं लौटा रहा था. दूसरा आरोपी शमीम बिहार के अररिया का रहने वाला है. 2017 में वह दिल्ली आया था. जनवरी 2021 में सफदरजंग एंक्लेव पुलिस ने उसे लूट के मामले में गिरफ्तार किया था. बीते मार्च महीने में ही वह जमानत पर बाहर निकला था.

तीसरा आरोपी अमजद काम की तलाश में बिहार से दिल्ली आया था. वह एक फैक्ट्री में सिलाई का काम करता था. चौथा आरोपी फिरदौस काम की तलाश में दिल्ली आया था और सदाकत के ढाबे में काम करता था. पांचवा आरोपी मंजर आलम सदाकत का सगा भाई है और वह सदाकत के ढाबे में ही काम करता था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details