बिहार में नेताओं का दल बदल. पटनाः बिहार की राजनीति में नेताओं के पाला बदलने का खेल जारी है. आज रविवार को जदयू और आरजेडी में मिलन समारोह का आयोजन हुआ. जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने दरौली विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी और अखिल भारतीय चौहरमल मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार मांझी को पार्टी की सदस्यता दिलाई. पिछले 1 महीने में जदयू और बीजेपी के साथ प्रमुख दलों में लगातार मिलन समारोह का आयोजन हो रहा है.
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"आने वाले दिनों में नेताओं के दलबदल का अभियान और तेज होगा. जिन्हें भी टिकट मिलने की उम्मीद नहीं होगी यदि दूसरे दल में उन्हें लगेगा कि टिकट मिल सकता है तो उस दल का दामन थामेंगे और इसमें कोई दल भी अछूता नहीं रहेगा"- रवि उपाध्याय, राजनीतिक विश्लेषक
मिलन समारोह का आयोजन: जदयू में पिछले 2 सप्ताह में 4 मिलन समारोह हो चुके हैं. इसी तरह बीजेपी में भी मिलन समारोह हुए हैं. आरजेडी में भी मिलन समारोह के कार्यक्रम लगातार हो रहे हैं. जहां जदयू के कई नाराज नेता बीजेपी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में लगातार शामिल हो रहे हैं, वहीं बीजेपी के नाराज नेता जदयू और अन्य दलों में शामिल हो रहे हैं. जदयू में पिछले 2 दिनों में 2 मिलन समारोह का आयोजन हुआ है. 1 दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने तो आज पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने आने वाले नेताओं को सदस्यता दिलाई.
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कई नेता बदल चुके हैं पालाः बीजेपी से नाराज होकर राजीव रंजन जदयू में शामिल हो चुके हैं और जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए हैं. तो वहीं जदयू के पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक हाल ही में बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. दरौली विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी अखिल भारतीय चौहरमल मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार मांझी अपने समर्थकों के साथ जदयू में शामिल हुए हैं तो डॉ राहुल परमार अपने समर्थकों के साथ भाजपा छोड़कर जदयू में शामिल हो गए हैं. इसी तरह बीजेपी में भी पूर्व विधायक देवनाथ यादव और गुलजार देवी शामिल हुए हैं.
और नेताओं के आने का दावाः जदयू नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार की नीतियों और विकास कार्यों से प्रभावित होकर ही लोग पार्टी में आ रहे हैं. उनका कहना है कि देश में जो माहौल है उसमें नीतीश कुमार का हाथ मजबूत करना चाहते हैं. आने वाले दिनों में कई लोग जदयू में आएंगे. वहीं बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि चुनाव के समय नेताओं का दलबदल होता है. बीजेपी में तो दूसरे दल से आने वालों का तांता लगा हुआ है. जदयू के कई लोग बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं.
इन नामों पर लग रहे कयासः जदयू के सीतामढ़ी के सांसद सुनील पिंटू लंबे समय तक बीजेपी के नेता रहे हैं. जदयू ने सीतामढ़ी से जिस उम्मीदवार को खड़ा किया था उसने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, उसके बाद बीजेपी की तरफ से सिग्नल मिलने के बाद ही सुनील पिंटू को चुनाव लड़ाया गया था. सुनील पिंटू को लेकर भी कयास लगाए जाते रहे हैं हालांकि सुनील मिंटू लगातार जदयू के कार्यक्रमों में दिखते रहे हैं. उसी तरह जदयू एमएलसी रामेश्वर महतो का नाम भी चर्चा में है. अगले साल उनका एमएलसी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. उपेंद्र कुशवाहा के साथ दिखते रहे हैं.