पटना:कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की दूसरी लहर के दौरान ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ गई थी. कोरोना के शिकार हुए लोगों की इम्यूनिटी काफी घट गई थी, जिसके चलते उनमें से कई ब्लैक फंगस के शिकार हो गए थे. स्थिति यह थी कि ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए न दवा मिल रही थी और न अस्पताल में बेड. कोरोना संक्रमण की रफ्तार घटने के साथ ही अब ब्लैक फंगस के रोगियों की संख्या भी कम हो गई है.
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कोरोना और ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेटेड सेंटर बनाए गए पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या घट गई है. यहां पिछले 10 दिन में एक भी मरीज भर्ती नहीं हुए. आईजीआईएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल ने कहा, "ब्लैक फंगस के संक्रमण के पीक के समय यहां 120 से अधिक मरीजों का इलाज किया जा रहा था. अब सिर्फ 30 मरीज भर्ती हैं. ये वैसे मरीज हैं जो ऑपरेशन के बाद एम्फोटेरिसिन बी दवा के लिए भर्ती हैं. इन्हें कोई नई शिकायत नहीं है."
मनीष मंडल ने कहा, "कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर हमलोग तैयार हैं. मरीजों को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो इसके लिए ऑक्सीजन बेड से लेकर आईसीयू बेड तक बढ़ाए जा रहे हैं. हमारे यहां डेडिकेटेड सेंटर फॉर कोविड और ब्लैक फंगस था. इसके साथ ब्लैक फंगस के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी बनाया गया था. अब कोरोना और ब्लैक फंगस के संक्रमण के मामले में स्थिति सामान्य हो रही है.