पटना:बिहार सरकार के ड्राई स्टेट की दावों की शराब माफियाओं ने एक बार फिर पोल खोलकर रख दी. एक बार फिर शराबबंदी का राग आलापने वाली नीतीश सरकार के नाक के नीचे ही शराब ने कई जिंदगियों को छीन लिया. होली में नशेड़ियों को जो कुछ मिला वो गटक लिया. बिहार में कथित जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 41 हो गई है. भागलपुर, बांका, मोतिहारी और सिवान में जहरीली शराब ने तांडव मचाया हुआ है. शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है.
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'अ'पूर्ण शराबबंदी के 6 साल:बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लागू हुए 6 साल बीत चुके हैं. इन 6 सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी कानून तोड़ने की खबर ना आई हो. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. होली पर जहरीली शराब पीने से अलग-अलग जिलों में अब कर 41 मौत हो चुकी हैं, साथ ही 24 से ज्यादा लोगों का इलाज जारी है. इनमें कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है.
भागलपुर में 22 लोगों की संदिग्ध मौत: भागलपुर जिले में 22 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. जिले में विश्विद्यालय थाना क्षेत्र और नवगछिया के भवानीपुर ओपी थाना क्षेत्र में शराब से ज्यादातर मौतें हुईं हैं. दर्जनभर से ज्यादा लोग यहां बीमार हैं. जहरीली शराब से मौत और दर्जनों लोग के बीमार होने की सूचना से पूरे इलाके में अभी भी खलबली मची हुई है. प्रशासन ये जानने में जुटा है कि इतनी संख्या में हुई मौत की असल वजह जहरीली शराब है या कुछ और?
बांका में 13 लोगों की संदिग्ध मौत: बांका में भी 13 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. परिवार वालों की मानें तो इनकी मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. वहीं पुलिस और प्रशासन की टीम ने डीएम और एसपी के नेतृत्व में जांच की है. प्रशासन की टीम ने पाया कि मौतों की वजह बीमारी है. प्रशासन ने दावा किया है कि ये सभी मौतें बीमारी की वजह से हुईं हैं. खुद प्रशासन की टीम ने मरने वालों के घर पहुंचकर जानकारी इकट्ठा की है. सवाल इस बात का है कि यही प्रशासन जब किसी की मौत होती है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार करती है, लेकिन इस मामले में अपनी इंटरनल रिपोर्ट पर भरोसा करके ये कह दिया कि मौत बीमारी से हुई है. फिर सवाल उठता है कि क्या प्रशासन के जांच का आधार 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट' है या 'इंटरनल सर्वे'?
मधेपुरा में 3 लोगों की संदिग्ध मौत: मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र में एक ही गांव के कई लोग बीमार पड़ गए. जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं कई लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं. मौत जहरीली शराब पीने से ही हुई है इसकी पुष्टि प्रशासन ने अभी तक नहीं की है.
सिवान में 3 लोगों की संदिग्ध मौत: वहीं, सिवान में भी तीन लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत बताई जा रही है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरावे गांव और छोटपुर गांव के ग्रामीणों ने खरीदकर जहरीली शराब का सेवन किया था. परिवार वालों का आरोप है कि इन सभी की मौत की वजह जहरीली शराब ही है. सिवान में एक मृतक की पत्नी सिंगरीया देवी मीडिया को बोतल दिखाकर बता रही है कि मेरे पति की मौत इस बोतल की शराब पीने से हुई है. वृद्ध महिला ने कहा कि उल्टी हुई, फिर पेट दर्द हुआ, फिर मौत हो गई. पर बार-बार कुरेदने के बाद भी शराब का नाम लेने से डर रही है. इस केस में भी प्रशासन कुछ भी बोलने से बचता दिख रहा है. अभी भी दो लोगों का इलाज जारी है.
बिहार में पूर्ण शराब बंदी कानून को लेकर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रही है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने ट्वीट कर नीतीश सरकार पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि ''डबल इंजन सरकार के प्रयास से शराबबंदी वाले बिहार में विगत दो दिन में जहरीली शराब के कारण 37 लोग और मारे गए. विगत छः महीनों में 200 से अधिक मौतें हो चुकी है. मुख्यमंत्री, सरकार व प्रशासन भ्रष्ट और विफल है. किसी अधिकारी पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई? ये बस ड्रोन/हेलीकॉप्टर उड़ायेंगे.''
''सरकार केवल नाटक कर रही है. दो दिनों के अंदर 37 लोगों की मौत हुई है. पिछले 6 महीनों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. सरकार केवल ड्रोन और हेलीकॉप्टर कर रही है. आज तक एक भी बड़े पदाधिकारी के खिलाफ सरकार कार्रवाई नहीं कर सकी है. बिहार में सरकार शराबबंदी का दिखावा करती है. सरकार के संरक्षण में शराब का अवैध कारोबार चल रहा है जिसका नतीजा है कि जहरीली शराब से लोगों की मौतें हो रही है.''-चितरंजन गगन, राजद प्रवक्ता