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बिहार में लॉकडाउन: दिहाड़ी मजदूर भुखमरी के कगार पर, पेंशन बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन - पार्षद संघर्ष मोर्चा

लॉकडाउन लागू होने के बाद दिहाड़ी मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. दिव्यांगों और दिहाड़ी मजदूरों के लिए कमाई का रास्ता सिर्फ दिहाड़ी तलाशने तक सीमित होता है. लेकिन कोरोना संकट के दौर में उनकी दिहाड़ी भी छिन गई है. स्थानीय मजदूरों से रोजगार के अवसर छिन गए हैं. पार्षद संघर्ष मोर्चा ने सरकार से अनुदान और पेंशन बढ़ाने की मांग की है.

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दिहाड़ी मजदूर भुखमरी के कगार पर

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Published : May 16, 2021, 9:41 PM IST

पटना:कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण की चेन की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. वहीं, इस लॉकडाउन लागू होने के बाद दिव्यांगों और दिहाड़ी मजदूरों के साथ-साथ आशा कार्यकर्त्ता, ऑटो रिक्शा चालक भूखमरी के कगार पर आ गए हैं. जिसको लेकर सरकार से अनुदान राशि दिए जाने को लेकर पार्षद संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने मौन प्रदर्शन के माध्यम से मांग की है.

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मुफ्त राशन मुहैया कराने की मांग
प्रदर्शनकर्ता का कहना था कि राशनकार्ड से वंचित परिवारों को आधार कार्ड के माध्यम से मुफ्त राशन मुहैया कराया जाए. साथ ही विधवा पेंशन महिलाओं की राशि बढ़ायी जाए ताकि लॉकडाउन के वजह से भुखमरी की नौबत ना आए. पार्षद संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने मौन प्रदर्शन के माध्यम से बिहार सरकार से गरीबों के लिए मुफ्त राशन और दिहाड़ी मजदूरों के लिए अनुदान राशि की मांग की है. वहीं, केंद्र सरकार से भी गरीबों के लिए राहत राशि दिए जाने की मांग की गई है.

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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण से मिलेगा अनाज
कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए भारत सरकार के देश भर में लॉकडाउन करने के बाद दिहाड़ी मजदूरों को भोजन तक नहीं मिल पा रहा है. यही कारण है कि यह दिहाड़ी मजदूर भूखमरी के कगार पर आ गए हैं. हालांकि, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से प्रत्येक राशन कार्ड धारक को मई और जून में पांच-पांच किलो मुफ्त अनाज देने की घोषणा की है.

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