पटना: नियोजित शिक्षकों के सेवा शर्त को लागू करने के बाद अब बेल्ट्रॉन द्वारा राज्य में काम कर रहे कर्मियों को भी उम्मीद जगी है. राज्य में बेल्ट्रॉन के द्वारा सरकार के सभी विभाग कार्यालय में नियोजित डाटा एंट्री ऑपरेटर, प्रोग्रामर और स्टेनोग्राफर के साथ साथ आईटी में लोग काम कर रहे है. बुधवार को बिहार राज्य डाटा एंट्री कंप्यूटर ऑपरेटर संघ ने अपने कई मांगों को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में ज्ञापन सौंपा.
संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अगस्त 2018 को गांधी मैदान से ही बेल्ट्रॉन द्वारा काम कर रहे राज्य के 15,000 कर्मियों के नियमन की बात कही थी. उन्होंने कहा कि बेल्ट्रॉन द्वारा कार्य कर रहे कर्मियों की सेवा आयोग 60 वर्ष जरूर कर दिया गया है, लेकिन नौकरी सुरक्षित नहीं है. संघ की मांग है कि जिस तरह से नियोजित शिक्षकों के सेवा शर्तों को मानते हुए सरकार ने उन्हें मजबूत किया है. उसी तरह हमारी मांगों को भी मान कर सरकार हमें भी मजबूत करे.
सेवा के नियमन की मांग
अशोक कुमार यादव ने बताया कि राज्य के सभी विभागों में प्रखंड से लेकर मुख्यालय तक बेल्ट्रॉन के माध्यम से 15,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं और पूरी ईमानदारी से काम करते हैं. समिति की अनुशंसा को सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाने के क्रम में सिर्फ डाटा एंट्री ऑपरेटर से संबंधित प्रतिवेदन को पुनर्विचार के लिए वापस लौटा दिया था जो अब तक विचाराधीन है. सरकार हमारी भी मांगों को मानते हुए उनके तमाम कर्मियों की सेवा का नियमन करें.
बिहार राज डाटा एंट्री कंप्यूटर ऑपरेटर संघ की मांग
.बेल्ट्रॉन के माध्यम से नियोजित डाटा एंट्री ऑपरेटर, प्रोग्रामर, स्टेनोग्राफर और आईटी में काम कर रहे लोगों के संबंध में उच्च स्तरीय समिति द्वारा विगत वर्ष संबंधित प्रतिवेदन को पुनर्विचार के लिए लौटाई गई थी. जिस पर शीघ्र विचार किया जाए.
.डाटा एंट्री ऑपरेटर के संबंध में वित्त विभाग द्वारा वर्ष 2018 में उच्च स्तरीय समिति को अनुशंसित वेतन स्तर के अनुसार वेतन की सुविधा भी प्रदान की जाए. ताकि वेतन विसंगति की समस्याओं का स्थायी समाधान हो सके.
.वेतन GST को हटाने के लिए भुगतान सीधे विभाग स्तर से किए जाने की व्यवस्था के साथ ही ग्रेडिंग की पूर्व की व्यवस्था को फिर से लागू किया जाए. ताकि कर्मियों की वरीयता बनी रहे.
.60 वर्ष की सेवा अवधि निर्धारित होने के बावजूद भी सेवा वापसी पर शीघ्र रोक लगाई जाए.
.उपार्जित अवकाश, पितृत्व अवकाश, विशेष अवकाश, स्थांतरण, अनुकंपा और सेवांत लाभ की सुविधा प्रदान की जाए.