पटना: बिहार में दारोगा भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. रविवार को दो शिफ्ट में परीक्षा ली गयी. इसके बाद अभ्यर्थी इस ऊहापोह में फंसे हैं कि कट ऑफ कितना तक जा सकता है. विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले शिक्षाविद गुरु रहमान ने कहा कि परीक्षा देने वाले छात्रों से उन्होंने बातचीत की है. उनके विद्यार्थी दोनों शिफ्ट में परीक्षा दिए हैं. उसके बाद जो उन्होंने आकलन किया है उसके मुताबिक परीक्षा में कुछ प्रश्न आसान थे, जबकि कुछ प्रश्न कठिन और घुमावदार थे.
"इस बार पदों की संख्या कम है, इसलिए कट ऑफ पिछले बार से अधिक जाने की संभावना है. कट ऑफ की अगर बात की जाए तो सामान्य वर्ग का कट ऑफ 70-72, ईडब्ल्यूएस और पिछड़ा वर्ग में पुरुष वर्ग का कट ऑफ 68-70, अत्यंत पिछड़ा वर्ग का कट ऑफ 62-65, अनुसूचित जाति का कट ऑफ 58-62, वहीं अनुसूचित जनजाति का कट ऑफ 62-65, महिलाओं का कट ऑफ 65-68 तक जाने की संभावना है."- गुरु रहमान, शिक्षाविद
मॉडरेट लेवल का क्वेश्चन रहा: गुरु रहमान ने कहा कि दरोगा की परीक्षा में 2 घंटा में 100 प्रश्न पूछे जाने की प्रकृति रही है. प्रत्येक 10 में से एक गलत उत्तर देने पर अंक काटे जाने का प्रावधान है. इसलिए परीक्षार्थियों ने ज़्यादा से ज्यादा प्रश्नों को हल करने का प्रयास किया. अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रश्न आंकड़ों पर आधारित थे, जो कठिन थे. कुल मिलाकर क्वेश्चन करने वाला आसान नहीं रहा लेकिन मॉडरेट लेवल का क्वेश्चन रहा है. पहली बार अंग्रेजी के तीन से चार प्रश्न पूछे गए थे.
आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए: गुरु रहमान ने बताया कि प्रश्न पत्र बाहर ले जाने की जब अनुमति नहीं थी तो कैसे सोशल मीडिया पर बाहर दोनों शिफ्ट के प्रश्न पत्र तैयार रहे हैं और अभ्यर्थियों का कहना है कि यही प्रश्न पूछा गया था. इस बात की गहनता से जांच होनी चाहिए. यह भी संदिग्ध है कि कैसे मधुबनी में एक पति पत्नी को मोबाइल से आंसर बता रहा होता है, इसी समय सेंटर का जैमर खराब हो जाता है. उन्होंने कहा की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की अधिक चिंता यह है कि कहीं क्वेश्चन आउट तो सही में नहीं हुआ है. इस पर आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए.