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नेपाल से सटे जिलों में तेज बारिश के बाद गहराया बाढ़ का संकट, इन जिलों में हाई अलर्ट - water level increased in rivers of bihar

बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल हैं. जलग्रहण क्षेत्रों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति और बिगड़ गई है. बिहार में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर हैं. लागातार हो रही बारिश के कारण इन जगहों पर बाढ़ का खतरा और अधिक बढ़ गया है.

बारिश डिजाइन इमेज

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Published : Jul 24, 2019, 4:45 PM IST

पटना:नेपाल और बिहार के कई जिलों में हो रही तेज बारिश के कारण राज्य में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. कई नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. जिससे बाढ़ की संभावना एक बार फिर से बढ़ गई है. नेपाल में लगातार बारिश हो रही है. इस वजह से अलर्ट भी जारी किया गया है.

इन जिलों में तेज बारिश की आशंका
मौसम विभाग ने आने वाले दो दिनों में तेज आंधी के साथ-साथ बारिश होने की संभावना जताई है. मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज और सीतामढ़ी में तेज बारिश की आशंका है. मधुबनी में मूसलाधार बारिश होने के कारण कमला बलान नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इस कारण यहां के लोगों में दहशत का माहौल है.

कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर
जल संसाधान विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार ने बताया कि कोसी के जलस्तर में वीरपुर बैराज के पास कमी आई है. लेकिन, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा समूह की नदियां, खिरोई तथा महानंदा कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

12 जिले बाढ़ से प्रभावित
बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल हैं. जलग्रहण क्षेत्रों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति और बिगड़ गई है. बिहार में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर हैं. लागातार हो रही बारिश के कारण इन जगहों पर बाढ़ का खतरा और अधिक बढ़ गया है.

गंडक बराज से छोड़ा गया पानी
सुपौल में भी कोसी नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव जारी है. नेपाल स्थित जल अधिग्रहण क्षेत्र बराह एवं बराज पर नदी के जल स्तर में वृद्धि देखी जा रही है. गंडक बराज वाल्मिकी नगर से कुल 1 लाख 11 हजार 700 पानी छोड़ा गया. जबकि, नारायण घाट से 76 हजार 269 पानी छोड़ा जा चुका है.

बता दें कि बिहार में वज्रपात से अबतक 34 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि बाढ़ के कारण सैंकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, 77 लाख लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित है.

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