पटना:कोरोना वायरस से बचाव को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. जिस प्रकार से देश में कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में इसकी अवधि को 30 अप्रैल तक बढ़ाए जाने के संकेत मिल रहे हैं. वहीं, इस लॉकडाउन में डेयरी संचालकों की हालात काफी दयनीय हो गए हैं. दरअसल, डेयरी संचालकों को अपना दूध मवेशियों को ही पिलाना पड़ रहा है. उन्हें पशुओं का चारा जुटाने के लिए भी काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है. जिस वजह से मजबूरी में पशुपालक अपने पशुओं को दूध पिला रहे हैं.
पशुओं के चारे पर लगा लॉकडाउन का ताला, डेयरी संचालक मजबूरी में मवेशियों को पिला रहे दूध
डेयरी फार्म के संचालक ने बताया कि लॉकडाउन के कारण मिठाई के सभी दुकानें बंद हैं. ऐसे में जो दूध उनका मिठाई दुकानों को सप्लाई होता था. वह पूरी तरह से ठप हो गया. जिस कारण उनके पास काफी मात्रा में दूध बर्बाद हो रहा था. इसलिए दूध को अपने मवेशियो को ही पिला रहे हैं.
'लॉकडाउन से बढ़ी परेशानी'
राजधानी पटना के राम कृष्णा नगर थाना क्षेत्र इलाके के ब्रह्मापुर गांव में डेयरी फार्म चलाने वाले आशा डेयरी फार्म के संचालक डेविड ने बताया कि लॉकडाउन से उनकी मुसीबतें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं. लॉकडाउन के कारण मिठाई के सभी दुकानें बंद हैं. ऐसे में जो दूध उनका मिठाई दुकानों को सप्लाई होता था. वह पूरी तरह से ठप हो गया. जिस कारण उनके पास काफी मात्रा में दूध बर्बाद हो रहा है. डेविड ने बताया कि लॉक डाउन के शुरुआती दिनों में वह ग्रामीण इलाके के झुग्गी में जाकर दूध बांटने का प्रयास कर रहे थे. लेकिन इस दौरान लोगों की भीड़ काफी ज्यादा उमड़ जा रही थी. जिस कारण लॉकडाउन का पालन नहीं हो पा रहा था. इस कारण अब वह दूध दुहने के बाद जो दूध बच जा रहे हैं. उसे मवेशियों को ही पिला दे रहे हैं. ज्यादा दूध भी मवेशियों को नहीं पिला सकते हैं इस कारण वह मोहल्ले में जाकर घर-घर दूध भी पहुंचा रहे हैं.
'मवेशियों के चारे पर लगा ग्रहण'
डेयरी फार्म संचालक डेविड ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भूसा, चोकर और मवेशियों के चारे पहले से दुगने दाम पर हो गए हैं. इस समय कमाई का साधन पूरी तरह से ठप पड़ है. उन्होंने बताया कि उनकी मवेशी अब सूखने लगे हैं. क्योंकि उन्हें अब एक समय का चारा दो समय में करके मवेशियों को खिलाना पड़ रहा है. डेविड ने बताया कि उनके पास स्टाफ भी कम हो गए हैं, जो स्टाफ होली के समय घर गए थे. लॉक डाउन के बाद से वह घर पर ही हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास 4 स्टाफ वर्तमान में काम कर रहे हैं. दूसरा महीना होने जा रहा है और सैलरी नहीं दे पाए हैं. उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के पहले तक वह हर महीने अपने स्टाफ का आराम से सैलरी दे देते थे. डेविड ने बताया कि उनके पास दूध देने वाले कुल 53 गाय हैं और 1 भैंस है. जो जानवर अभी बच्चे देने वाले हैं और अभी दूध नहीं दे रहे हैं. ऐसे मिलाकर कुल उनके पास 80 जानवर हैं. उनके फार्म में ढाई सौ किलो से ज्यादा दूध प्रतिदिन सुबह शाम उत्पादन होता है.