पटना:कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के बीच बिहार सरकार ने रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों को राहत दी है. सरकार ने असंगठित क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूरों को इस संकट के समय में मनरेगा के तहत काम देना शुरू किया है. अब वे मनरेगा में काम करके अपना घर और पेट पाल सकते हैं.
मालूम हो कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद दूसरे राज्यों में काम करने वाले बेरोजगार हुए दिहाड़ी मजदूर बिहार वापस आ गए हैं. बिहार लौटे इन मजदूरों के सामने अब रोजी-रोटी की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है. ऐसे हालत में बिहार सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग को यह जिम्मा सौंपा है कि दूसरे प्रदेशों से बेरोजगार होकर लौटे दिहाड़ी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जाए.
दिहाड़ी पर काम करती महिलाएं ग्रामीण विकास विभाग ने लिया फैसला
राज्य के ग्रामीण विकास विभाग ने निर्णय लिया है कि जो भी दिहाड़ी मजदूर दूसरे राज्यों से अपने प्रदेश बिहार पहुंचे हैं, उनका मनरेगा जॉब कार्ड बनाकर उन्हें काम दिया जाएगा. हालांकि, जो मजदूर पहले से मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं, उनको भी बिहार सरकार लगातार काम दे रही है. इसी कड़ी में बाढ़ अनुमंडल के बेलछी प्रखंड अन्तर्गत अन्दौली-दरवेशपुरा और बाढ़ प्रखंड के सरकट्टी पंचायत में मनरेगा के तहत मजदूरों से काम लिया जा रहा है.
मनरेगा के तहत लोगों को मिला काम खिल उठे मजदूरों के चेहरे
बता दें कि काम मिलने के बाद मजदूरों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है. मजदूरों की मानें तो काम छीन जाने से उनके सामने आर्थिक संकट आ गया था. लेकिन, अब रोजगार मिला है तो कम से कम खाने-पीने की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा. हालांकि, काम कर रहे कुछ मजदूरों का ये भी कहना है कि सिर्फ राशन से ही काम चलने वाला नहीं है, बल्कि घर का खर्च चलाने के लिए आर्थिक सहयोग आवश्यक होता है.