मसौढ़ी:बिहार में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. मसौढ़ी में कोयला कारोबारी के बैंक अकाउंट से दो लाख रुपयों की निकासी हो गई है. थाने में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस जांच कर रही है. मौजूदा वक्त मेंसाइबर ठगी से बचने के लिए सावधानी बहुत जरूरी है. बिना जांच परख या किसी के झांसे में आकर अपने बैंक खाते से जुड़ी जानकारी किसी को भी ना दें. ठगी होने पर तुरंत पुलिस को शिकायत करें. आपकी सावधानी ही आपको बचा सकती है. एटीएम से पैसे निकालते हुए किसी अनजान व्यक्ति को एटीएम कक्ष में ना आने दें.
साइबर क्राइम से बचने के लिए अहम जानकारी एक बार फिर से साइबर ठग जिले में सक्रिय
साइबर ठग एक बार फिर से सक्रिय हो गये हैं. लोगों की कमाई पर हाथ साफ करने लगे हैं. धनरूआ के बीर बाजार स्थित एक कोयला व्यवसायी के खाते से कुछ ही मिनट में दो लाख रूपये की निकासी का मामला सामने आया है. अपने खाते से रुपयों की निकासी के बाद व्यवसायी के मोबाईल पर मैसेज आया. जिसके बाद सबसे पहले उन्होंने अपने खाते को ब्लॉक कराया. खाता ब्लॉक कराने के बाद संटु कुमार ने शुक्रवार को धनरूआ थाना में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया. ये भी पढ़ें..जागते रहो : कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के नाम पर साइबर ठगी, ऐसे करें बचाव
ओटीपी शेयर करते ही खाता खाली
बताया जा रहा है कि ठगी के शिकार हुए संटु का बीर बाजार में कोयला का व्यवसाय है. उसके खाते से रकम हस्तानातंरण की एक सीमा थी. लिहाजा इसी सिलसिले में उन्होंने इंटरनेट पर संबंधित बैंक का टॉल फ्री नंबर सर्च किया. सर्च में आए नंबर पर कॉल किया. तो साइबर ठगों ने मोबाइल पर आए ओटीपी के बारे में पूछा तो संटु ने ओटीए शेयर कर दिया. उसके कुछ ही देर बाद मोबाइल पर पैसों की निकासी का मैसेज आ गया. जब तक संटु कुछ समझ पता तब तक अकाउंट से पैसों की निकासी हो चुकी थी.
''संटु नाम के व्यक्ति के खाते से दो लाख रुपये की अवैध निकासी हुई है. मामला दर्ज कर जांच की जा रही है''.राजु कुमार,थानाध्यक्ष
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पुलिस मामले की जांच में जुटी
इस बाबत थानाध्यक्ष राजु कुमार ने बताया कि पीड़ित को इसकी जानकारी उसे उस वक्त हुयी जब उसके मोबाइल पर रकम निकासी का मैसेज आया. संटु अपने खाते को जब तक ब्लॉक कराता तब तक उसके खाते से दो लाख रूपये की निकासी हो चुकी थी. थानाध्यक्ष ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है. छान-बीन की जा रही है. इस तरह से करते हैं ठगी जानकार बताते हैं कि साइबर अपराधी स्क्रीन शेयरिंग एप का उपयोग कर रहे हैं. ठगों की ओर से टारगेट को लिंक मैसेज या अन्य किसी माध्यम से एप्लीकेशन भेजा जाता है. इसको इंस्टॉल करते ही आपके फोन को ये ठग रिमोर्ट एक्सेस पर ले लेते हैं. जिसके बाद अगर आप फोन में कुछ भी करते हैं तो साइबर ठगों को इसकी पूरी जानकारी मिलते रहती है.
एसे करें इन ठगों से बचाव
- किसी के कहने पर रिमोर्ट एक्सेस एप इंस्टॉल न करें.
- किसी भी एप को डाउनलोड करने से पहले उसकी उपयोगिता पर जरूर विचार करें.
- अपने बैंक, डेबिट, क्रेडिट कार्ड, ई-वॉलेट की जानकारी मोबाइल पर आए ओटीपी और वैरीफिकेशन कोड शेयर न करें.
- पेटीएम के केवायसी अपडेट के लिए पेटीएम ऐप पर दिए गए नजदीकी सेंटर पर संपर्क करें.
सोशल मीडिया या साइट्स पर हुए साइबर क्राइम के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया है.
- साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर- 155260
- बच्चों के साथ हुए साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर-1098
- @cyberdostट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर आप अपनी कंप्लेन दर्ज करा सकते