पटना: बिहार में साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud in Bihar) की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. अब आम लोगों को ही नहीं खास लोगों को भी टारगेट किया जा रहा है. बिहार में इन दिनों स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के बाद उपभोक्ताओं को ठगने के लिए साइबर फ्रॉड द्वारा बिजली काटने का डर दिखाकर ठगने का मामला सामने आ रहा है. बिजली विभाग को लगातार है इस तरह की शिकायत मिल रही थी. जिसके बाद कंपनी के द्वारा पदाधिकारियों को जांच का जिम्मा दिया गया है.
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डाटा सेंटर से ही उपभोक्ताओं का डाटा लीक: आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जांच में यह पता चला है कि बिजली कंपनियों के डाटा सेंटर से ही उपभोक्ताओं का डाटा लीक हुआ है. दरअसल राजधानी पटना, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के आसपास के जिलों में ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं. सबसे अधिक बिजली बिल के नाम पर ठगी करने का मामला पटना मैं दर्ज किया गया है. दरसल पटना में रिटायर्ड डीआईजी उमाशंकर प्रसाद (Retired DIG Umashankar Prasad) से बिजली बिल के नाम पर करीबन ₹111000 की ठगी की गई थी.
पटना में 350000 स्मार्ट मीटर: बता दें कि बिहार में 1000000 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगे हैं, वहीं पटना में करीबन 350000 स्मार्ट मीटर लग चुका है. आर्थिक अपराध इकाई की विशेष सूत्रों के अनुसार 500000 लोगो का डाटा साइबर अपराधियों के हाथ लगा है. बिजली उपभोक्ताओं का डाटा जामताड़ा और असम के साइबर अपराधियों के हाथ लगा है. पुलिस यह मान रही कि जिस एजेंसियों को बिजली बिल का मैसेज भेजने का जिम्मा दिया गया है, वहीं से उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर और कंज्यूमर आईडी साइबर अपराधियों के उपलब्ध कराया गया है.
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