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Cyber Crime: बिहार में बढ़ रही साइबर ठगी, सावधानी हटी तो हो जाएगा खाता खाली - ATM clone fraud

बिहार में साइबर क्राइम (Cyber Crime) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. राजधानी पटना समेत कई जिलों में चेक क्लोन (Check Clone) कर पैसे गबन करने वाले गिरोह काफी सक्रिय हो गए हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना
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Published : Aug 5, 2021, 5:09 PM IST

Updated : Aug 5, 2021, 6:13 PM IST

पटना:राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में इन दिनों साइबर ठग (Cyber Thugs) नए-नए तरीकों को इजाद कर आम इंसान की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं. पटना में सीनियर सिटीजन किशोर प्रसाद यादव के खाते से चेक क्लोन (Check Clone) के जरिए से साढ़े 12 लाख रुपए की निकासी की है. इस संबंध में किशोर यादव ने कोतवाली थाने में जालसाजी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है.

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वहीं, पटना के गर्दनीबाग थाना के पुलिस कॉलोनी निवासी आर्किटेक्ट मधुमेश रंजन से फौजी बनकर जालसाजों ने उनके खाते से 84 हजार रुपए निकाल लिए हैं. दरअसल, मधुमेश के पिता रिटायर्ड डीएसपी हैं. इस संबंध में गर्दनीबाग थाने में उन्होंने लिखित शिकायत दर्ज कराई है. वहीं, मनेर निवासी रामचंद्र प्रसाद के खाते से साइबर अपराधियों ने 1 लाख 65 हजार रुपयों की निकासी की है.

देखें रिपोर्ट

कोरोना काल में राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में साइबर क्राइम के मामले में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है. साइबर फ्रॉड हर दिन नए-नए तरीकों से आम और खास लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. शहरी क्षेत्र में बैंक फ्रॉड (Bank Fraud) और एटीएम फ्रॉड (ATM Fraud) की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है. शहरी क्षेत्र में औसतन प्रतिमाह 10 फीसदी मामले दर्ज हो रहे हैं. कोरोना काल से पहले इस तरह के क्राइम में 5 फीसदी क्राइम साइबर के होते थे.

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वहीं, इससे पहले साइबर अपराधियों ने पटना कॉलेज के अकाउंट से 62 लाख 80 हजार रुपए उड़ा लिए थे. वहीं पर्यटन विभाग के क्लोन चेक से अपराधियों ने 9 लाख 80 हजार का गबन कर लिया. यही नहीं इन हाईटेक चोरों ने महाराजगंज से बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के अकाउंट से भी 89 लाख रुपए निकाल चुके हैं. साइबर क्रिमिनल के हौसले इतने बुलंद हैं कि पुलिस मुख्यालय के एडीजी समेत कई आलाधिकारियों और मंत्रियों के फर्जी फेसबुक अकाउंट बनकार लोगों से पैसों की ठगी की कोशिश भी कर चुके हैं.

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पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेन्द्र कुमार की माने तो बिहार में बढ़ रहे साइबर अपराध को रोकने के लिए नोडल एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई लगातार काम कर रही है. कई मामलों में अपराधियों की गिरफ्तारी भी सुनिश्चित की गई है. जिस तरह से नेट के माध्यसम से पेमेंट की सुविधा बढ़ी है. साइबर अपराधी इन्ही ट्रांजेक्शन पर अपनी नजर गड़ाए हुए हैं. बिहार पुलिस लगातार इसकी रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चला रही है. कई मामलों में आर्थिक अपराध इकाई ने गिरफ्तारी भी सुनिश्चित की है.

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ईटीवी भारत के माध्यम से एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने आम लोगों से अपील की है कि ATM, ऑनलाइन शॉपिंग या फिर अन्य माध्यम से लेनदेन करते समय काफी सतर्क रहने की जरूरत है. इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि इस तरह के साइबर फ्रॉड करने वाले लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. जिस एरिया से ये साइबर फ्रॉड ऑपरेट करते हैं उसे एरिया पर भी पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है.

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साइबर एक्सपर्ट राजन सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि साइबर फ्रॉड से बचने को लेकर सभी को सचेत रहने की जरूरत है. उन्होंने आरबीआई की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना ओटीपी, कार्ड का पिन नंबर भूल कर भी शेयर नहीं करना चाहिए. साथ ही किसी व्यक्ति के साथ अगर इस तरह की घटना घटती है, तो नजदीकी थाने को तुरंत सूचित करें. इसके अलावा वो आर्थिक अपराध इकाई में भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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बता दें कि चेक क्लोन करने वाले जालसाज आपके चेक को हासिल करने की फिराक में रहते हैं. वे डाकिए या बैंक के किसी अधिकारी से मिलकर चेकबुक हासिल करते हैं. चेक पर ही खाताधारक की जानकारी लिखी होती है. किस खाते में ज्यादा रकम है, यह जानकारी बैंक के कर्मियों से मिलकर जुटा लेते हैं.

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कई बार बैंक से खाताधारक का मोबाइल नंबर भी बैंक से हटवा दिया जाता है. उसके बाद लैपटॉप में स्कैन करने के बाद नए नंबर को डालकर चेक पर खाता नंबर, नाम और चेक नंबर प्रिंट किया जाता है. उसके बाद बैंकों में भुगतान के लिए जाया जाता है. जिन खातों में मोबाइल नंबर दर्ज होता था, उनके चेक 50 हजार से नीचे के होते थे. ताकि असली खातेदार के मोबाइल पर वेरिफिकेशन मैसेज ना जाए.

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Last Updated : Aug 5, 2021, 6:13 PM IST

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