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साइबर ठगों पर लागू नहीं है लॉकडाउन का फरमान, आपकी ये गलती पहुंचा सकती है भारी नुकसान - Banks Guidelines

जारी लॉकडाउन के दौरान साइबर ठगों की फौज पूरी तरह सक्रिय है. आपकी एक छोटी सी गलती पर ये फौज आपका अकाउंट साफ करने में मिनट भर से ज्यादा का समय नहीं लेगी. इसके लिए सावधान रहें, पढ़ें ये रिपोर्ट...

बिहार की ताजा खबर
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Published : Apr 25, 2020, 8:05 PM IST

पटना: देशभर में जारी लॉकडाउन के बाद क्राइम ग्राफ गिरा है लेकिन नए-नए तरह के साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं. ठग सरकार की जारी की गई गाइडलाइन पर ही लोगों को चूना लगा रहे हैं.

दरअसल, केंद्र सरकार की जारी गाइडलाइन के अनुसार तीन महीने के लिए सभी तरह के लोन की किश्तों को बंद कर दिया गया है. ऐसे में ठग लोगों से किश्तों की बंदी के लिए उन्हें कॉल कर ठग रहे हैं. साइबर ठगों की फौज पहले तो लिंक भेजती है, फिर वन टाइम पासवर्ड यानी की ओटीपी जानते ही अकाउंट की सारी जमा पूंजी को साफ कर देती है.

पटना से नीरज त्रिपाठी की रिपोर्ट

ओटीपी का खेल
देशभर से फोन कॉल के जरिए ठगी की कई शिकायतें देखने को मिलती रहती हैं. कोरोना वायरस के दौरान लागू लॉकडाउन में लोग घर से कम निकल रहे हैं. ऐसे में वो लेन-देन के लिए ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं. घर पर रहने के कारण फोन पर नेट सर्फिंग ज्यादा कर रहे हैं. लिहाजा, साइबर ठग फेक वेबसाइट्स और कॉल कर ठगी कर रहे हैं. ठग यूजर से 4 से 6 अंकों वाला ओटीपी मिलते ही पूरा अपना काम कर लेते हैं.

  • कभी लकी ड्रॉ. तो कभी एटीएम ब्लॉक या वैरिफिकेशन के नाम पर ठग लोगों की जमा पूंजी पर सेंधमारी करते रहे हैं.
  • बिहार में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.
  • आम तो आम यहां पुलिस वाले भी साइबर क्राइम का शिकार हो चुके हैं.
  • सारण में रिटायर्ड दारोगा से ऐसी ही ठगी की गई.
  • वहीं पटना के कई लोगों को चूना लग चुका है.

'बैंक कभी ओटीपी नहीं पूछता'
पटना सिटी के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एजीएम दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से लेकर सभी बैंकों ने ये गाइडलाइन जारी कर रखी है कि कोई भी व्यक्ति ओटीपी मांगे जाने पर उसे न दें. यह पूरी तरह गोपनीय पिन होता है. उन्होंने बताया कि बैंक कभी कॉल नहीं करता. इसके लिए समय-समय पर लोगों को मैसेज भेजे जा रहे हैं.

साइबर क्राइम रोकने पर बिहार पुलिस के प्रयास
आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस अधीक्षक प्रान्तोष कुमार दास ने बताया कि बिहार में साइबर क्राइम रोकने के लिए 2 हजार 200 पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. इसके लिए केंद्र से बकायदा फंड भी जारी किया गया था. ये फंड सितंबर 2019 तक विभाग को मिला. लिहाजा, हमने सभी को ट्रेनिंग दी. उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस केंद्र सरकार के ऑनलाइन उस ऑनलाइन पोर्टल से जुड़ी हुई है, जिसपर लोग साइबर क्राइम संबंधी शिकायत दर्ज करवाते हैं.

प्रान्तोष ने बताया कि cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवाने के बाद हमें हमारे प्रदेश के लोगों की समस्या दी जाती है. जिसपर कार्रवाई करते हुए हम सरकार को आवेदन की स्थिति के बारे में बताते हैं. लॉकडाउन के दौरान प्रान्तोष कुमार दास ने बताया कि साइबर क्राइम 5 प्रतिशत दर्ज किये जा रहे हैं. उन्होंने भी साफ तौर पर कहा कि कभी भी अपना ओटीपी किसी से शेयर न करें.

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