पटनाःबिहार के मसौढ़ी पीएचसी कैंपस में एक्सपायरी दवा फेंके जाने के मामला में कार्रवाई हुई है. ईटीवी भारत पर खबर को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद सिविल सर्जन ने एक्शन लिया और जांच टीम गठित की. जांच के बाद भंडार पाल और एक अस्पताल कर्मी पर गाज गिरी है. प्रारंभिक जांच में मसौढ़ी अस्पताल के दवा भंडार पाल को प्रथम दृष्टया में कसूरवार मानते हुए अगले आदेश तक उसके वेतन पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा एक अन्य अस्पताल कर्मी का वेतन स्थगित कर दिया गया है.
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सिविल सर्जन ने दिए जांच के आदेशःबीते 15 जून को मसौढ़ी पीएचसी कैंपस में एक्सपायरी दवा फेंके जाने की खबर को प्रकाशित होने के बाद आनन-फानन में सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार ने टीम गठित कर मामले की जांच का आदेश दिया था, अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी संजीता रानी के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी और एक अन्य डॉक्टर के द्वारा जांच कराई गई थी. जांच के दरमियान उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि एक्सपायरी दवा हमारे अस्पताल की नहीं है.
दोषी पाए गए पीएचसी के भंडार पाल: इसके बाद 18 जून को फिर ईटीवी भारत ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया कि जांच के संदेह के घेरे में है. इसके बाद सिविल सर्जन ने पुनः जिला की टीम से जांच करवाने की बात कही. तब प्रारंभिक जांच में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के दवा भंडार पाल अमित कुमार और एक अन्य अस्पताल कर्मी प्रथम दृष्टया में दोषी पाए गए. इसके बाद सीएस ने लापरवाही बरतने के कारण अगले आदेश तक उनके वेतन को स्थगित करने का आदेश जारी करते हुए जिला टीम को सघन जांच करने का निर्देश दिया है.
मामले की सघन जांच में जुटी टीमः इस सिलसिले में सिविल सर्जन डॉक्टर श्रवण कुमार ने कहा कि जो भी लापरवाही हुई है और जो बेपरवाह कर्मचारी हैं उनको बख्शा नहीं जाएगा. प्रथम दृष्टया में जो भी अस्पताल के कर्मी लापरवाही करते दिखे हैं, उनका अगले आदेश तक वेतन स्थगित करने का निर्देश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को दिया गया है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी के द्वारा उक्त आरोपियों का वेतन को स्थगित है करते हुए जिला टीम को सघन जांच में सहयोग की अपेक्षा की है.
"जिस कर्मचारी की भी लापरवाही है उनको बख्शा नहीं जाएगा. अगले आदेश तक दो लोगों का वेतन स्थगित करने का निर्देश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को दिया गया है. भंडार पाल और एक अन्य कर्मचारी की लापरवाही सामने आई है. फिलहाल पूरे मामले की सघन जांच चल रही है"-डॉ श्रवण कुमार, सिविल सर्जन पटना