पटना: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शहीद दारोगा रोशन कुमार के परिजनों को राज्य सरकार की ओर घोषित बीमा की राशि अब तक नहीं मिल पाई है. शहादत के 9 महीने बाद भी शहीद के परिवार को बिहार सरकार की घोषित बीमा राशि का भुगतान राज्य सरकार की ओर से नहीं दिया गया है. इस कारण शहीद रोशन कुमार के परिजन परेशान हैं.
नक्सल ऑपरेशन में शहीद हुए दारोगा रोशन कुमार
दरअसल, सीआरपीएफ के दारोगा रोशन कुमार गया में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान शहीद हुए थे. 13 फरवरी 2019 को गया जिले के पचरुखिया इलाके में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान आईईडी ब्लास्ट में आने से रोशन कुमार वीरगति को प्राप्त हो गए थे.
सरकार ने नहीं कराया पॉलिसी रिन्यू नहीं मिली परिजनों को बीमा राशि
शहीद दारोगा रोशन कुमार के पिता मिथिलेश सिंह ने बताया कि स्पेशल कॉम्बिंग ऑपरेशन के दौरान उनके बेटे को शहादत मिली थी. रोशन कुमार अपने घर के इकलौते चिराग थे. घर में उनके अलावा माता-पिता और एक बहन है. शहादत के बाद सीआरपीएफ की ओर से मिलने वाले तमाम लाभ उन्हें प्राप्त हो गए. लेकिन राज्य सरकार की ओर से शहीदों को प्रदान की जाने वाली बीमा राशि का भुगतान नहीं हो पाया. परिजनों ने इस बात को लेकर सीआरपीएफ के कमांडेंट से संपर्क किया.
शहीद दरोगा के परिजनों को नहीं मिली इंश्योरेंस की राशि सरकार ने पॉलिसी नवीकरण नहीं किया
शहीद के परिजनों को दिए गए जवाब में बताया गया है कि पूर्व की पॉलिसी लागू नहीं है. इंश्योरेंस कंपनी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड कमांडेंट गया जिलाधिकारी को बताया था कि यह इंसयूरेन्स 1 जुलाई 2017 से 30 जून 2018 तक थी और इसके बाद इस योजना का सरकार ने पॉलिसी नवीकरण ही नहीं कराया. जिस कारण 30 जून 2018 के बाद योजना में राशि उपलब्ध नहीं है. शहादत की घटना 13 फरवरी 2019 को हुई थी, इसलिए शहीद के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से शहीदों को दी जाने वाली बीमा राशि का भुगतान नहीं हो पाया है.
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परिवार को बिना बताए भरा था सीपीओ का फार्म
बता दें कि रोशन कुमार ने 2014 में स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण कर 2016 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे. उन्होंने परिजनों को बिना बताकर सीपीओ का फॉर्म भरा था और परीक्षा पास करने के बाद वो दरोगा बने थे. कोबरा में उनकी पहली पोस्टिंग थी और पहली पोस्टिंग में देश की सेवा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे. 13 फरवरी 2019 को वो वीरगति को प्राप्त हुए थे.