पटनाः शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरूआत हो जाती है. जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है. वहीं कार्तिक माह के दशमी के दिन बुधवार को श्रद्धालुओं की भीड़ सभी घाटों पर उमड़ पड़ी. सुबह-सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा की और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना भी की.
कार्तिक दशमी : घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, महिलाओं ने की गंगा की पूजा - crowds of devotees gathered at the ghats
पटना में सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट, उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी. महिलाओं ने स्नान कर पूजा पाठ कर अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की.
घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
पटना में सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट, उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी. महिलाओं ने स्नान कर पूजा पाठ कर अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की. वहीं जैसे-जैसे कार्तिक माह के दिन बीत रहे और छठ नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है.
छठ नजदीक आने से पूरा माहौल भक्तिमय
उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस, सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.