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बाढ़: दिवाली और कार्तिक मास को लेकर गंगा घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - Karthik month ganga snaan

बाढ़ में उत्तरायण गंगा होने से यहां स्नान करने का अलग ही महत्व है. मान्यता है कि कार्तिक मास में उत्तरायण गंगा में स्नान करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके चलते बाढ़ के गंगा घाट पर स्नान करने लोग दूर-दूर से आते हैं.

Ganga snaan
गंगा घाट पर स्नान के लिए जुटी श्रद्धालुओं की भीड़.

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Published : Nov 14, 2020, 1:24 PM IST

पटना: जिले के बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर शनिवार को कार्तिक मास और दिवाली को लेकर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. श्रद्धालु सुबह 3 बजे से ही गंगा स्नान कर रहे हैं.

बाढ़ में गंगा स्नान का है अलग महत्व
श्रद्धालु पूरे कार्तिक मास गंगा स्नान करते हैं. बाढ़ में उत्तरायण गंगा होने के कारण इसका अलग ही महत्व है. उत्तरायण गंगा का हिन्दू धर्म में खासा महत्व है. मान्यता है कि कार्तिक मास में उत्तरायण गंगा में स्नान करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके चलते बाढ़ के गंगा घाट पर स्नान करने लोग दूर-दूर से आते हैं. पूरे कार्तिक मास गंगा घाटों पर मेला लगा रहता है. यहां स्थानीय लोगों द्वारा फूल, फल और पूजा सामग्री की दुकानें लगाई गई हैं.

देखें रिपोर्ट

30 नवंबर तक रहेगा कार्तिक मास
कार्तिक मास 1 नवंबर को शुरू हुआ था. यह 30 नवंबर तक रहेगा. हिन्दू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है. यह चतुर्मास का आखिरी महीना है. शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास में ही धन और धर्म दोनों से संबंधित प्रयोग किए जाते हैं. इसके अलावा दीपदान और कार्तिक स्नान से शुभ फल की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि यह मास भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी को भी अतिप्रिय है. ऐसे में इस माह में कुछ नियमों का पालन किया जाए तो मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं और भक्त को किसी चीज की कमी नहीं रहती.

गंगा घाट पर स्नान के लिए जुटे श्रद्धालु.

इस महीने में धन प्राप्ति की मान्यता है. कहते हैं कि इस महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और धरती लोक में विचरण कर कृपा बरसाते हैं. इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करना भी शुभ होता है. मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए इस माह में त्रयोदशी, दिवाली और गोपाष्टमी मनाई जाती है.

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