बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बाढ़: गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, पूजा-पाठ कर की सुख-समृद्धि की कामना

कार्तिक माह में उत्तरायण गंगा के तट पर स्नान करने का बड़ा महत्व है. यहां कई श्रद्धालु एक महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़, उमा नाथधाम, और बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और एक महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं.

By

Published : Oct 15, 2019, 11:27 AM IST

Updated : Oct 15, 2019, 12:32 PM IST

कार्तिक द्वितीया

बाढ़: शरद पूर्णिमा की समाप्ति के साथ ही कल्पवास मेले की शुरुआत हो गई है. इसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है. कार्तिक के दूसरे दिन भी गंगा स्नान के लिए बाढ़ के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 महीने में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इसी महीने सभी देवी-देवताओं का पृथ्वी पर निवास होता है. धार्मिक दृष्टि से इस महीने का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि इसी महीने कुमार कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था.

श्रद्धालुओं ने की सुख समृद्धि की कामना

कार्तिक के द्वितीया को सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए अलखनाथ घाट, उमानाथ घाट सहित बाढ़ के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही. श्रद्धालुओं ने पूजा पाठ कर अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की. कार्तिक महीने में कई श्रद्धालु लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करते हैं.

कार्तिक द्वितीया पर गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़

स्नान करने का है महत्व

कार्तिक माह में उत्तरायण गंगा के तट पर स्नान करने का बड़ा महत्व है. यहां कई श्रद्धालु एक महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़, उमा नाथधाम, और बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और एक महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.

देखें पूरी रिपोर्ट
Last Updated : Oct 15, 2019, 12:32 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details