पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. राज्य के तमाम राजनीतिक दलों के नेता अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में जुट गए हैं. टिकट की उम्मीद में अपने-अपने क्षेत्रों से कई उम्मीदवार पटना का चक्कर लगा रहे हैं. ईटीवी भारत ने राज्य के तमाम राजनीतिक बड़े और छोटे दलों के कार्यालयों का हाल जाना कि कहां उम्मीदवारों की कितनी लंबी कतार या भीड़ लगी है.
ईटीवी भारत ने पड़ताल किया कि आखिर किस राजनीतिक दल या किस बड़े नेता के आवास पर उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त या कतार है. तो इसमें कई राजनीतिक दल के कार्यालय के बाहर सन्नाटा पसरा दिखा. तो कई के नेताओं के आवास पर भीड़ दिखा.
पार्टी कार्यालयों में सन्नाटा
कोरोना महामारी के बीच बिहार विधानसभा चुनाव देश का पहला बड़ा चुनाव होने जा रहा है. एक ओर जहां सभी राजनीतिक दलों के बड़े नेता या राष्ट्रीय अध्यक्ष वर्चुअल के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित कर रहे हैं. तो वहीं अब महासम्मेलन और रैलियां भी वर्चुअल के माध्यम से ही हो रही है.पार्टी का टिकट पाने के लिए लोगों का पटना आना शुरू हो गया है. लेकिन कई दलों के दफ्तरो में सन्नाटा पसरा हुआ है.
जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. पिछली बार एक सौ सीटों पर विधानसभा उम्मीदवारों को टिकट देने वाली पार्टी कार्यालय में एक भी उम्मीदवार नहीं दिख रहा है.
बीजेपी दफ्तर में भी कुछ खास भीड़ नहीं
देश की सबसे बड़ी पार्टी कहे जाने वाली भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में चंद उम्मीदवार ही कार्यालय में बायोडाटा जमा करते हुए या अपने वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करते हुए देखे गए. 2015 में सबसे अधिक 160 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर का यह नजारा कई सवाल खड़ा करता है.
पिछले विधानसभा चुनाव ने 23 सीटों पर लड़ने वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के दफ्तर का नजारा तो बिल्कुल ही अलग दिखा. जिस पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करने के लिए महागठबंधन में दबाव दिया जा रहा है. उस पार्टी के कार्यालय में एक भी उम्मीदवार नहीं दिख रहा.
सदाकत आश्रम, कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में उम्मीदवारों की भीड़ नहीं
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के मुख्यालय सदाकत आश्रम में भी किसी तरह के उम्मीदवारों की भीड़ नहीं दिखी, जबकि अभी 1 दिन पहले ही कांग्रेस मुख्यालय से 19 जिलों में वर्चुअल के माध्यम से महासम्मेलन संवाद किया गया. 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 40 सीटों पर चुनाव लड़ी थी.
चिराग पासवान के पार्टी दफ्तर में एक भी उम्मीदवार नहीं दिख रहा, जो चिराग पासवान को मुख्यमंत्री का दावेदार बताया जा रहा है और लोक जनशक्ति पार्टी राज्य के 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का दावा कर रही है. उसके पार्टी दफ्तर का हाल देखने के बाद यह कहना मुश्किल है कि पार्टी किस लाइन पर काम कर रही है.
सीएम नीतीश आवास पर सन्नाटा
सीएम नीतीश कुमार के आवास एक अणे मार्ग पर भी पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है. नीतीश कुमार जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है. बतौर अध्यक्ष उनके पास भी उम्मीदवारों की लंबी कतार लगी होनी चाहिए थी. पिछले चुनाव में लालू और कांग्रेस के गठबंधन के साथ 100 सीटों पर जदयू ने उम्मीदवार उतारे थे.
राबड़ी अवास पर कार्यकर्ताओं की भीड़
ईटीवी भारत संवाददाता राबड़ी आवास पहुंचे. तो राज्य के तमाम राजनीतिक दलों के कार्यालय के नजारा से उलट राबड़ी आवास का नजारा दिखा. यहां सैकड़ों की संख्या में लोग अपनी अपनी उम्मीदवारी का दावा करने राष्ट्रीय दल के नेता तेजस्वी से मिलने पहुंचे हुए थे. पिछले चुनाव में 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारी थी और 81 सीटों पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में राज्य में काबिज हुई.
राज्य के तमाम राजनीतिक दलों नए उम्मीदवारों के चयन का पैमाना क्या होगा या कहना मुश्किल है. क्योंकि चंद दिनों के बाद ही आचार संहिता लागू होगी. लेकिन पटना के मुख्य राजनीतिक दलों के दफ्तरों का हाल है. वह अलग ही बानगी पेश कर रही.