पटना: बिहार के पटना में जेडीयू की ओर से आयोजित भीम संसदको लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि जदयू के भीम संसद में सरकारी मशीनरी का भारी दुरुपयोग कर भीड़ जुटाने का प्रयास किया गया. उनका कहना है कि लोगों को नौकरी और वेतन वृद्धि का प्रलोभन देकर भीड़ जुटाई गई थी.
"दलित बस्तियों में काम करने वाले विकास मित्र, टोला सेवक, तालिमी मरकज के हजारों कर्मियों को प्रलोभन देकर भीड़ जुटाई गई. सभी को राज्य कर्मी का दर्जा और वेतन वृद्धि दी जाएगी, ऐसा प्रलोभन दिया गया था. सरकारी तंत्र के भरोसे भीड़ जुट सकती है परंतु वोट नहीं मिल सकता."- सुशील मोदी, सांसद, राज्यसभा
'महादलित समाज का सीएम ने किया है अपमान' : सुशील मोदी ने कहा कि देश के सबसे बड़े दलित नेता स्वर्गीय रामविलास पासवान को राज्यसभा में जाने का विरोध करने और उनकी जाति पासवान को महादलित से अलग करने, मुसहर के नेता जीतन राम मांझी को अपमानित कर मुख्यमंत्री से हटाने और फिर विधानसभा में तुम-तम और अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने वाले नीतीश कुमार को बिहार का दलित कभी माफ नहीं करेगा.