पटना: राजधानी पटना के वैक्सीनेशन सेंटरों में उमड़ रही भारी भीड़ के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है. इससे वैक्सीनेशन सेंटरों से ही कोरोना संक्रमणफैलने का खतरा बना हुआ है, वैक्सीनेशन सेंटरों से जो तस्वीरें आ रही हैं. वह डरावनी है. लोग यहां एक दूसरे से धक्का-मुक्की करते हुए नजर आ रहे हैं.
बैठने तक की नहीं है व्यवस्था
संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच सरकार का लक्ष्य यह भी है कि ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीनेशन कराएं. ताकि वे किसी गंभीर स्थिति में आने से बच सकें. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग आरोग्य सेतु एप पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद अलग-अलग वैक्सीनेशन सेंटरों पर पहुंच रहे हैं. लेकिन न तो यहां लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था है और ना ही यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है.
लोग मर रहे हैं फिर भी लापरवाही
राजधानी पटना में कई जगहों पर वैक्सीनेशन का काम चल रहा है. वैक्सीनेशन में कई निजी अस्पताल और कई सरकारी अस्पताल शामिल हैं. ईटीवी भारत संवाददाता ने शहरी स्वास्थ्य केंद्र जयप्रभा मॉडल ब्लड सेंटर पर वैक्सीनेशन केंद्र का जायजा लिया. इस दौरान यह देखा गया कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग लाइन में खड़े थे जिन्हें अपनी कोरोना वायरस संक्रमण की जांच करानी थी. तो दूसरी तरफ इसी परिसर में वैक्सीनेशन का काम भी चल रहा है, जिसमें 45 से ज्यादा उम्र के लोग वैक्सीनेशन के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने से लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.
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पटना में औसतन हर दिन 10000 लोग वैक्सीनेशन करा रहे हैं. लेकिन इससे बड़ा सवाल यह है कि जहां भी वैक्सीनेशन हो रहा है. वहां सोशल डिस्टेंसिंग का कितना पालन हो रहा है. कुछ ऐसा ही हाल पटना के न्यू गार्डीनर रोड अस्पताल में दिखा. हालांकि, वहां एक व्यवस्था अच्छी यह है कि बिल्डिंग के एक हिस्से में कोरोना जांच काम चल रहा है तो दूसरे हिस्से में वैक्सीनेशन हो रहा है. इससे लोग सीधे संपर्क में आने से बच रहे हैं. लेकिन बाकी जगहों पर स्थिति एक जैसी है.
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वैक्सीनेशन के लिए अपनी मां को लेकर पहुंचे कंकड़बाग के राकेश कुमार ने बताया कि वे खुद वैक्सीनेशन करा चुके हैं और अब अपनी मां को वैक्सीन के फर्स्ट डोज के लिए लाए हैं. उन्होंने कहा कि सबको वैक्सीनेशन कराना चाहिए. क्योंकि यही एकमात्र तरीका है जिससे हम बीमारी के बाद भी अपनी जान बचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को वैक्सीनेशन और कोविड-19 केंद्र में थोड़ी दूरी बनाए रखना चाहिए. ताकि यहां आने वाले स्वस्थ लोग संक्रमित ना हो जाएं.
'मैं खुद संक्रमित ना हो जाऊं...'
इधर, डॉक्टर्स कॉलोनी से आई प्रज्ञा ने कहा कि वे अपने दादा-दादी के वैक्सीनेशन के लिए यहां पहुंची हैं. लेकिन यहां इतनी भीड़ देखकर चिंता हो रही है कि मैं खुद संक्रमित ना हो जाऊं. पीसी कॉलोनी से आए विजय ने कहा कि उनकी बेटी ने उन्हें वैक्सिनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करा कर भेजा है और इसीलिए वे यहां वैक्सीनेशन के लिए आए हैं. लेकिन इतनी भीड़ है और सोशल डिस्टेंसिंग का कोई मतलब यहां नहीं दिख रहा.
अस्पातल में कोरोना वैक्सीन देती नर्स रिस्क लेकर चला रहे हैं काम
वैक्सीनेशन सेंटर पर मौजूद एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि हमारे पास जो जगह उपलब्ध है. उसी में किसी तरह रिस्क लेकर काम कर रहे हैं. भीड़ बहुत ज्यादा है फिर भी हम लोग यह चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग जल्द से जल्द वैक्सीनेशन करा लें. हालांकि जानकारी देने वाले स्वास्थ्य कर्मी ने अपना नाम बताने से इंनकार कर दिया.
'वैक्सीनेशन है जरूरी'
पटना एम्स के ट्रॉमा एंड इमरजेंसी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अनिल कुमार ने कहा कि लोगों को महामारी से बचने के लिए वैक्सीनेशन जरूर कराना चाहिए. अगर दिमाग में किसी तरह की कोई गलतफहमी है तो उसे दूर कर लें क्योंकि वैक्सीनेशन के बाद इतना तय है कि कोरोना अगर होगा भी तो वह आपको जानलेवा स्थिति तक नहीं पहुंचने देगा.
जगह की कमी है बड़ी वजह
पटना में जितने अर्बन हेल्थ सेंटर है. वहां कमोबेश जगह की कमी की वजह से लोगों की भारी भीड़ जमा हो रही है. चाहे जयप्रभा ब्लड सेंटर की बात हो या फिर डिफेंस कॉलोनी स्थित अर्बन हेल्थ सेंटर सभी जगह लोगों की भीड़ तो जरूर दिखाई दे रही है. लेकिन हेल्थ सेंटर में जगह की कमी की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा. अब तक सरकार की ओर से लोगों से अपील जरूर की जा रही है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क जरूर लगाएं. लेकिन जिस तरह की लापरवाही वैक्सीनेशन सेंटर पर दिख रही है. वह कहीं ना कहीं खतरनाक स्थिति की ओर इशारा कर रही है.