पटना: बिहार में गुमशुदगी, अपहरण, बाल अपराध, बाल श्रम जैसे अपराध पर रोकथाम लगाने के लिए trackthemissingchild.gov.in वेव पोर्टल बनाया गया है. जिसे कमजोर वर्ग अपराध अनुसंधान विभाग पटना द्वारा संचालित किया जाएगा. हालांकि पूरे देश में इस वेबसाइट पर गुमशुदा और अपहृत बच्चों की जानकारी रखी जाती है.
पीड़ितों को न्याय दिलाने का करते है काम: बिहार सरकार की देखरेख में चलने वाले कमजोर वर्ग के उत्थान संरक्षण द्वारा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सकारात्मक कार्य किए जाते हैं. इस कार्य को पूरा करने में कल्याण मनोवैज्ञानिक अध्ययन एवं परामर्श और पुनर्वासन राज्य पुलिस मदद करते है. उसी कड़ी में चाइल्ड लाइन 1098 एक राष्ट्रीय आपातकालीन सेवा है, जो ऐसे बच्चों के देखभाल एवं संरक्षण के लिए लगातार कार्यरत है. यह 24 घंटा सक्रिय रूप से कार्य करती है.
पुलिस अधीक्षक फाउंडेशन के सदस्य होते है: चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत एक राष्ट्रीय नोडल संस्था है, जो चाइल्डलाइन कार्यक्रम को सफल एवं संचालन करता है. इसके माध्यम से बच्चों की देखरेख एवं खोजबीन की प्रक्रिया शुरू की जाती है. पुलिस अधीक्षक इसके सदस्य होते हैं तथा प्रत्येक थाना के थाना अध्यक्ष किशोर कल्याण पदाधिकारी के रूप में कार्य करते हैं. ऐसे बच्चों की जिम्मेदारी उनके ऊपर होती है. प्रत्येक महीने के 15 एवं 16 तारीख को थाना अस्तर पर ऐसे बच्चों के संबंध में संबंधित अभिभावकों से संपर्क करने का प्रयास किया जाता है तथा अभियान भी चलाया जाता है.