पटना:9 दिसंबर 2020, अपराधियों ने दिनदहाड़े दरभंगा के एक ज्वेलर्स स्टोर से 10 करोड़ रुपए के गहने लूट लिए. 11 दिसंबर 2020, सीवान में दिनदहाड़े निजी बैंक से अपराधियों ने 10 लाख रुपए लूटे. 29 नवंबर 2020, पटना के जक्कनपुर के चिरैयाटांड़ पुल पर अपराधियों ने लूट के दौरान महिला की हत्या कर दी. 28 नवंबर 2020, गोपालगंज में अपराधियों ने जदयू विधायक अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय के दो करीबियों की गोली मारकर हत्या कर दी. ये तो चंद वारदात हैं. 2020 में बिहार में हुए बड़े आपराधिक घटनाओं की फेहरिस्त काफी लंबी है.
पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा 2020
साल 2020 अपराध पर नियंत्रण के मामले में पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा. यही कारण है कि चुनाव में जीत के बाद एक बार फिर बिहार की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से कानून का राज देने की अपनी छवि दुरुस्त करने में जुटे हैं.
मुख्यमंत्री पुलिस अधिकारियों के साथ एक के बाद एक समीक्षा बैठक कर रहे हैं. 12 दिसंबर को समीक्षा बैठक में नीतीश ने पुलिस के आलाधिकारियों को क्राइम कंट्रोल के लिए पूरी मजबूती से काम करने का निर्देश दिया. इससे पहले उन्होंने 9 दिसंबर को समीक्षा बैठक की थी. तब बैठक के समय ही दरभंगा में लूटकांड हो गया था. गौरतलब है कि नीतीश ने सीएम की कुर्सी संभालने के बाद 28 नवंबर को समीक्षा बैठक कर पुलिस अधिकारियों को हर हाल में अपराध पर नियंत्रण पाने का आदेश दिया था.
कोरोना काल की सेवा ने दिलाया सम्मान
कोरोना की महामारी के दौरान पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ गई थी. उन्हें लॉकडाउन का पालन कराना था साथ ही परेशान लोगों की मदद भी करनी थी. इस दौरान पुलिस के जवानों ने पैदल और साइकिल से घर लौट रहे प्रवासियों को खाना-पानी दिया. घर में बंद बच्चे जन्मदिन मना सकें इसके लिए केक पहुंचाया. इससे पुलिस की छवि में सुधार हुआ. जवानों को लोगों का सम्मान मिला. कोरोना से बचने के लिए जब आमलोग अपने घरों में बंद थे तब पुलिस के जवान अपनी ड्यूटी पर तैनात थे. करीब 4200 पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आए. 24 जवानों की मौत कोरोना के चलते हो गई.