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Bihar School Holiday: शिक्षकों को मिला MLA संदीप सौरभ का साथ, कहा- 'नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं केके पाठक' - MLA Sandeep Saurabh attacks KK Pathak

बिहार के स्कूलों में छुट्टी में कटौती करने के फैसले के बाद एक तरफ जहां शिक्षकों में नाराजगी है, वहीं इसको लेकर सियासत भी गरमा गई है. विपक्ष के साथ ही महागठबंधन के सहयोगी दल भी सवाल उठा रहे हैं. सीपीआई माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि ऐसा लगता है कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक अब नेता बनना चाहते हैं.

भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ
भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 3, 2023, 7:53 AM IST

भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की छुट्टी कैंसिल करने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. भाकपा माले विधायक और बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संयोजक संदीप सौरभ ने कहा है कि शिक्षकों की छुट्टियों को रद्द करना पूरी तरह से अलोकतांत्रिक फैसला है. छुट्टियों को रद्द करने का फैसला पूरी तरह से सरकार का तर्कहीन फैसला है और ना ही इसकी अभी कोई जरूरत थी. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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"यह फैसला साफ बता रहा है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वेष और बदले की भावना से शिक्षकों के खिलाफ षडयंत्र किया जा रहा है. हम सरकार से मांग करते हैं कि शिक्षा विभाग लोकतांत्रिक तरीके से चलने वाला विभाग है, जनता की सुनी जाए और चीजों की गहराई को समझा जाए. जनप्रतिनिधियों को भी सुनी जाए. अपर मुख्य सचिव को जनप्रतिनिधियों से मिलने का समय नहीं है. ऐसे में इन्हें पद से हटाया जाना चाहिए. वह कई बार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से मिलने के लिए समय मांग चुके हैं. कई बार विभाग में जा चुके हैं, लेकिन मुलाकात नहीं हुई है."- संदीप सौरभ, संयोजक, बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा

जनप्रतिनिधियों की भी नहीं सुन रहे केके पाठक: संदीप सौरभ ने कहा कि केके पाठक जनप्रतिनिधियों की नहीं सुन रहे हैं और पूरे प्रदेश में घूम कर ऐसे निरीक्षण कर रहे हैं. जैसे राजनेता बनने की तैयारी कर रहे हैं. वह चाहते हैं कि बिहार सरकार हस्तक्षेप करें और रद्द की गई छुट्टियों को वापस बहाल करें. सरकार एक अधिकारी को इतना छूट नहीं दे सकती है कि वह पूरे सिस्टम को उथल-पुथल मचा दे. यह अकेला अधिकारी सरकार के खिलाफ जनता में नाराजगी का भाव भर रहा है. शिक्षकों से बात करने की शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को तमीज नहीं है.

"शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को बात करने की तमीज नहीं है. किसी को मोटा तो किसी को इडियट कहते हैं और तू-तड़ाक से बात करते हैं. वह किसी भी प्रकार से शिक्षकों के आंदोलन को कमजोर नहीं कर रहे हैं और पूरी मजबूती से आंदोलन में शिक्षकों के साथ हैं. बतौर जनप्रतिनिधि हमने शिक्षकों के राज्य कर्मी के दर्ज की मांग को लेकर कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल चुके हैं और इसी का परिणाम है कि सरकार ने कहा है कि शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा."- संदीप सौरभ, संयोजक, बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा

सरकार करे केके पाठक पर कार्रवाई- संदीप सौरभ: संदीप सौरव ने कहा कि वह सरकार से मांग करते हैं कि केके पाठक जैसे अधिकारी को शिक्षा विभाग से अविलंब बाहर किया जाए. मुख्यमंत्री शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की तारीफ कर रहे हैं तो वह बताएं कि क्या किसी अधिकारी को शिक्षकों से अमर्यादित भाषा में बात करने की छूट दी जा सकती है. विभिन्न शिक्षक संगठन शिक्षा विभाग के तुगलक शाही फरमानों का लगातार विरोध कर रहे हैं लेकिन वह चाहते हैं कि सभी शिक्षक संगठन एक प्लेटफार्म पर आए.

"हम चाहते हैं कि सभी शिक्षक संगठन एक प्लेटफार्म पर आए. विरोध के लिए कोई भी निर्णय लेना है तो एक निर्णय लें. अगर विद्यालयों में तालाबंदी का निर्णय लेना है तो एकजुट होकर यह निर्णय लें, क्योंकि कई बार होता है कि कोई शिक्षक संगठन तालाबंदी कर रहा है, तो कोई धरना दे रहा है तो कोई उसी दिन काला पट्टी लगाकर प्रदर्शन कर रहा है. ऐसे में आंदोलन में एकरूपता नहीं रहती और आंदोलन कमजोर पड़ जाता है. शिक्षक संगठन कोई भी निर्णय लेंगे एकजुट होकर तो उनका हम समर्थन करेंगे."- संदीप सौरभ, संयोजक, बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा

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