पटना : बिहार विधानसभा के अंदर और बाहर भाकपा माले के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. सदस्यों का कहना था कि हमने कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है जिसकी मंजूरी नहीं मिल रही है.
राज्य में पेयजल का संकट है. सुखाड़ की स्थिति है. ऐसे में सरकार को सूखाग्रस्त क्षेत्र की घोषणा करनी चाहिए और उसके बाद किसानों को मुआवजा देनी चाहिए. भाकपा माले के विधानसभा सदस्य महबूब आलम ने आरोप लगाया कि नल-जल योजना के लिए जो राशि सरकार दे रही है उसमें भी भ्रष्टाचार व्याप्त है.
विरोध प्रदर्शन करते माले के विधायक. 'पेयजल संकट से लोगों को निजात मिलेगी क्या?'
विधायक ने कहा कि जब मुख्यमंत्री खुद स्वीकार कर रहे हैं कि राज्य में भीषण सूखा पड़ने की आशंका है. तो फिर बिहार को सूखाग्रस्त क्षेत्र क्यों नहीं घोषित कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि सदन में मंत्री बार-बार यह कह रहे हैं कि पेयजल का संकट है, हम उपाय कर रहे हैं. लेकिन उपाय कब किया जाएगा जब गर्मी का मौसम बीत जाएगा तब? पेयजल संकट से लोगों को निजात मिलेगी क्या?
सदन से लेकर सड़क तक होगा आंदोलन
विधायक ने कहा कि जब तक सरकार बिहार को सूखाग्रस्त राज्य नहीं घोषित करेगी तब तक भाकपा माले आंदोलन करती रहेगी. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सदन ही नहीं है बल्कि सड़क तक चलेगा. हम इस मांग को लेकर आंदोलन करते रहेंगे.