पटना : राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को नहीं बढ़ाया जाएगा. सरकार द्वारा परामर्श दात्री समिति का गठन किया जाएगा, जो पंचायती राज के कामकाज को संभालेंगे. इस फैसले के बाद से ही महागठबंधन के विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है.सीपीआईएम ने भी सचिव मंडल की ऑनलाइन बैठक बुलाई, जिसमें आगामी रणनीति पर चर्चा की गई.
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पंचायतों पर कब्जा करना चाहती है सरकार
सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने बताया कि सरकार पंचायती राज व्यवस्था पर भी अपना कब्जा जमाना चाहती है. यही कारण है कि सरकार पंचायतों के कार्यकाल को 6 माह के विस्तार करने का अध्यादेश नहीं लाई. इससे सरकार की मंशा स्पष्ट हो रही है कि सरकार इसे निगरानी चाहती है. जो हम हरगिज नहीं होने देंगे.
'राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था भी पूरी तरीके से चौपट है. सरकार उस पर ध्यान देने के बजाए पंचायत चुनाव के लिए रणनीति अभी से बना रही है. वो पंचायतों पर कब्जा करना चाहती है.'- अवधेश कुमार, राज्य सचिव सीपीआईएम
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7 जून की बैठक में होगा फैसला
सुबोध कुमार ने बताया कि सचिव मंडल की बैठक बुलाई गई, जिसमें मुख्य रूप से इन्हीं सब बिंदुओं पर चर्चा की गई. हमने तय किया है कि इन सभी के खिलाफ पार्टी चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेगी. आंदोलन कब से शुरू होगा उसकी रूपरेखा आगामी 7 जून को राज्य कमेटी की बैठक में तय की जाएगी. लेकिन इतना तय है कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ हम गांव-गांव जाकर जनता को जागरूक करने का काम करेंगे और इसे लागू नहीं होने देंगे.