पटना : बिहार सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. जिसके बाद महागठबंधन के विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है. सीपीआईएम राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि निर्वाचित पंचायतोंके कार्यकाल को नहीं बढ़ाने का फैसला सरकार का एक अलोकतांत्रिक कदम है.
पंचायत परामर्श समिति के फैसले का CPIM ने किया विरोध, कहा- सरकार फिर से करे विचार - CPIM State Secretary Awadhesh Kumar
नीतीश सरकार के पंचायत परामर्श समिति के फैसले पर सीपीआईएम नेता ने सवाल उठाया है. राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि सरकार को अपने फैसले पर विचार करने की जरूरत है.
![पंचायत परामर्श समिति के फैसले का CPIM ने किया विरोध, कहा- सरकार फिर से करे विचार नीतीश सरकार के फैसले पर सवाल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-04:56:33:1622719593-bh-pat-01-cpim-demands-to-preview-decision-of-panchayat-worl-not-extension-03062021164416-0306f-1622718856-218.jpg)
उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल बढ़ाने के लिए अगर कोई नियम नहीं था तो उसके लिए राज्य सरकार अध्यादेश ला सकती थी. लेकिन परामर्श समिति गठित किया गया. जिसके पीछे की सरकार की मंशा स्पष्ट नजर आ रही है. सरकार इस कमेटी गठन करने के बहाने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अधिकारों को मजबूत करने के बजाय नौकरशाहों के हाथों में सौंपना चाहती है.
हमारी पार्टी इस फैसले की घोर निंदा करती है. हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और आगामी चुनाव होने तक पंचायतों के अधिकार को बढ़ाने के लिए अध्यादेश पारित करे. वहीं उन्होंने बताया कि इस फैसले के खिलाफ आगामी आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी. 4 जून को राज्य सचिव मंडल की बैठक होगी और आगामी रणनीति पर चर्चा की जाएगी.