पटना:सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने जदयू पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा और जदयू में व्यक्ति विशेष और वर्चस्व की राजनीति होती है. दोनों दल के अंदर कुछ ना कुछ खिचड़ी पक रही है. यही कारण है कि पार्टी के कुछ नेता अपने मन मुताबिक कुछ भी करते हैं.
JDU और BJP में वर्चस्व की राजनीति के चलते बढ़ी अंदरूनी कलह- CPIM - Dahi Chuda's political feast
दही चुड़ा के सियासी भोज पर बिहार में राजनीति गर्म हो गई है. वामपंथी दल कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ने जदयू पर तंज कसते हुए कहा कि जदयू में वर्चस्व और व्यक्ति विशेष की राजनीति होती है. यही कारण है कि कोई भोज के लिए आमंत्रण करता है तो कोई भोज को रद्द करता है.
'दही चुड़ा के भोज को जदयू के पूर्व अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने रद्द कर दिया. वहीं, जदयू के नेता जय कुमार सिंह ने भोज का आयोजन किया. लंबे समय तक वशिष्ठ नारायण सिंह ने जदयू की कमान संभाली और आगे भी संभाल सकते थे, लेकिन उन्हें हटा दिया गया'-अवधेश कुमार, राज्य सचिव, सीपीआईएम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़कर दूसरे को सौंप दिया. वर्तमान स्थिति को देखकर यही लगता है कि इन दोनों दलों में व्यक्ति विशेष और वर्चस्व की राजनीति की जा रही है. हालांकि दोनों दलों के अंदर क्या खटपट है ये तो वही बता सकते हैं, लेकिन कुछ ना कुछ खिचड़ी जरूर पक रही है. जिसका असर देखने को मिल रहा है और आने वाले समय में भी देखने को मिलेगा.