पटना: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पटना जिला परिषद के कार्यकर्ताओं ने काला बिल्ला लगाकर राजधानी के जीपीओ गोलंबर से बुद्ध स्मृति पार्क तक प्रतिरोध मार्च निकाला. कोरोना काल में मजदूरों के लिये सरकार की तरफ से किये गये इंतजाम को नाकाफी बताते हुये कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.
पटना: मजदूरों के लिए बेहतर सुविधा की मांग को लेकर CPI ने निकाला प्रतिरोध मार्च - Workers upset in lockdown
भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि सरकार मनरेगा के तहत मजदूरों के लिये कम-से-कम 200 दिनों के काम की गारंटी प्रदान करे.
कार्यकर्ताओं ने कहा कि लॉकडाउन के कारण लगभग दो महीने से सभी काम काज ठप हैं. मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. उन्हें रोजगार के कोई अवसर सरकार मुहैया नहीं करा पा रही है. साथ ही कहा कि मजदूरों को दूसरे प्रदेशों से लाने के लिये सरकार द्वारा किये गये इंतजाम सही नहीं हैं. सरकार द्वारा मजदूरों के लिए भोजन और परिवहन की व्यवस्था नाकाफी है.
मजदूरों की मदद करे सरकार
लोगों ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की संवेदनहीनता की मार प्रवासी मजदूरों को झेलनी पड़ रही है. वहीं श्रम कानूनों में मजदूरों को मिले हुए हक भी उनसे छीने जा रहे हैं. उनके कार्य की समय सीमा भी बढ़ा दी गई है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने प्रतिरोध मार्च के दौरान सरकार से मांग की है कि जो भी प्रवासी मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं उन्हें अविलंब 10000 रूपये की आर्थिक सहायता दी जाए. साथ ही अभी भी दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को लाने के लिये ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों और बसों की व्यवस्था की जाये. इस दौरान उनसे यात्रा का किराया न लिया जाये. भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि सरकार मनरेगा के तहत मजदूरों के लिये कम-से-कम 200 दिनों के काम की गारंटी प्रदान करे.